सार
जानकारी के मुताबिक एक अहम बात जो सामने निकल कर आ रही है वो यह है कि इस वारदात के पीछे दो लोग शामिल थे। एक जिसने दूर बैठकर बच्चे के मन में नफरत का बीज बोने का काम किया। वहीं दूसरे नें बच्चे का हौसला बढ़ाने का काम किया। इन्हीं दोनों सदस्यों ने 16 साल के बेटे के दिल में मां के खिलाफ नफरत भरकर उसके हाथ से कत्ल करवाया।
लखनऊ: राजधानी में बीते दिनों हुई मां की हत्या मामले में रोजाना नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इस बार सबसे चौकाने वाला खुलासा सामने आया है। दरअसल जिस समय इस वारदात को अंजाम दिया गया उस समय वहां किसी तीसरे व्यक्ति के मौजूद रहने की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक एक अहम बात जो सामने निकल कर आ रही है वो यह है कि इस वारदात के पीछे दो लोग शामिल थे। एक जिसनें दूर बैठकर बच्चे के मन में नफरत का बीज बोया। वहीं दूसरे नें बच्चे का हौसला बढ़ाने का काम किया। इन्हीं दोनों सदस्यों ने 16 साल के बेटे के दिल में मां के खिलाफ नफरत भरकर उसके हाथ से कत्ल करवाया।
मां की हत्या के बाद किसी से मिलने गया था नाबालिग बेटा
4 जून की रात 2 बजे मां की हत्या करने के बाद स्कूटी लेकर नाबालिग बेटा किसी से मिलने गया था। दरअसल 10 साल की बेटी ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि भाई उसे दूसरे कमरे में बंद करके बाहर चला गया था। पुलिस ने पता लगाने का प्रयास नहीं किया कि मां को मौत की नींद सुलाने के तुरंत बाद बेटा आखिर किससे मिलने गया था। ये कोई और नहीं, बल्कि वही साजिश रचने वाला परिवार का अहम सदस्य था।
पिता और बेटे के बीच हुई बात के बाद पुलिस को सूचना
रिपोर्टस के अनुसार 7 जून की रात को आरोपी बेटे ने पिता को फोन किया था। दोनों के बीच महज 49 सेकेंड की ही बात हुई। इन 49 सेकेंट में बेटे ने पिता से कहा कि उसने मां को मार डाला। जिस पर पिता ने लाश दिखाने की बात कही और कॉल कट गई। उसके बाद बेटे ने वीडियो कॉल की और कमरे का दरवाजा खोला। जहां पर महिला का शव पड़ा हुआ था। इसके बाद वहीं पर आरोपी बेटे ने पिस्टल भी उठाई। यह वही पिस्टल थी जिससे मां को गोली मारी गई थी। बेटे पिता को वह पिस्टल दिखाते हुए बाहर निकला और उसे डाइनिंग टेबल पर उसने रख दिया। इस बीच दोनों के बीच आधे घंटे तक बातचीत हुई। हालांकि यह बातचीत क्या था इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है। इस बातचीत के बाद ही मामले को लेकर पुलिस को सूचित किया गया।
कई राज सामने आने हैं बाकी
पुलिस औऱ परिवार के बीच हुई बातचीत अभी तक राज बनी हुई है। इस बीच परिवार के कुछ लोग भी कार्रवाई से असंतुष्ट हैं। मामले में परिवार के जिम्मेदार लोग नाम न बताने की शर्त पर मीडिया से कहते हैं कि पबजी वाली थ्योरी पुलिस की थी और उस वक्त हमारे पास पुलिस की बात मानने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था। पुलिस ने कहा था कि हत्या का कोई मोटिव हो तो बताओ वरना जो बताया जा रहा है उसी पर सहमति जताओ। इसके बाद ही पबजी की मनगढ़ंत कहानी पेश की गई थी।
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