सार
रालोद नेताओं ने कार्यक्रम की तमाम तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। सोमवार को भी कई गांवों में दौरा कर युवाओं ने पंचायत में पहुंचने की अपील की गई। शामली, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत कई अन्य जिलों से भी हजारों की संख्या में युवाओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
शामली: अग्निपथ योजना के विरोध में पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला था। इसी बीत रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह अग्निपथ और देश में व्याप्त बेरोजगारी के विरोध में मंगलवार को गांव काबड़ौत स्थित विद्या मंदिर हाई स्कूल के मैदान में युवा पंचायत को संबोधित करेंगे।
युवाओं ने की कार्यक्रम में पहुंचने की अपील
रालोद नेताओं ने कार्यक्रम की तमाम तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। सोमवार को भी कई गांवों में दौरा कर युवाओं ने पंचायत में पहुंचने की अपील की गई। शामली, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर समेत कई अन्य जिलों से भी हजारों की संख्या में युवाओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।
हजारों की संख्या में युवाओं के पहुंचने का अनुमान
अग्निपथ के विरोध में रालोद की यह पहली युवा पंचायत है। इसके बाद अन्य जिलों में भी युवा पंचायत आयोजित की जाएंगी। इसे सफल बनाने के लिए रालोद नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। सदर विधायक प्रसन्न चौधरी ने कहा कि युवा पंचायत में हजारों की संख्या में युवाओं के पहुंचने का अनुमान है।
एसएसपी ने लिया कार्यक्रम स्थल का जायजा
अग्निपथ योजनाओं के विरोध में शांतिपूर्ण आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मुकेश सैनी, ऋषिराज राझड़, वीर सिंह मलिक, वीरपाल, गजेंद्र आदि कार्यकता मौजूद रहे। एसएसपी शामली अभिषेक ने सीओ सिटी जितेंद्र कुमार, एसडीएम सदर बृजेश सिंह के साथ ग्राम काबड़ौत स्थित पंचायत स्थल पर व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान अधिकारियों ने रालोद नेताओं से पंचायत के दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील की।
जानिए अग्निपथ योजना क्या है
'अग्निपथ भर्ती योजना' के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। भर्ती के लिए साढ़े 17 साल से 21 साल की आयु सीमा तय की गई है। हालांकि, इस साल उम्र सीमा में युवाओं को दो साल की छूट दी गई है। मतलब 2022 में होने वाली भर्ती में 23 साल तक के युवा भाग ले सकेंगे। चार साल के अंत में 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा। अधिकतम 25 फीसदी इच्छुक जवानों को सेना में आगे भी सेवा देने का मौका मिलेगा। यह तब होगा, जब रिक्तियां होंगी। जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें सशस्त्र बल व अन्य सरकारी नौकरियों में वरीयता मिलेगी।