सार

यूपी एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि राय अनूप प्रसाद मूल रूप से गोरखपुर का रहने वाला है। एसटीएफ अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद के बीच कनेक्शन का पॉइंट भी तलाश रही है। राय अनूप प्रसाद का गोरखपुर के गुलरिया थाना क्षेत्र के सरहरी रियासत से गहरा नाता रहा है।

लखनऊ: UPTET पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरएसएम फिनसर्व कंपनी का डायरेक्टर राय अनूप प्रसाद (Rai Anoop Prasad) पूछताछ के दौरान खुद को बिहार (Bihar) के नरकटियागंज से बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा (MLA Rashmi Verma) का भाई बता रहा था। अब एसटीएफ (STF) इस एंगल की भी जांच में लग गई है कि कहीं पेपर लीक का कोई पॉलिटिकल कनेक्शन तो नहीं है। अब तक हुई जांच में सामने आया है कि राय अनूप प्रसाद मूल रूप से गोरखपुर का रहने वाला है। एसटीएफ अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद के बीच कनेक्शन का पॉइंट भी तलाश रही है। 

गोरखपुर छोड़ दिल्ली में की करोबार की शुरुआत

राय अनूप प्रसाद का गोरखपुर के गुलरिया थाना क्षेत्र के सरहरी रियासत से गहरा नाता रहा है। अनूप राय के बाबा महेश्वरी प्रसाद राय अंग्रेजों के शासन काल में सरहरी स्टेट की देखभाल किया करते  थे और अमीन नियुक्त किए गए थे। 1962  में अनूप प्रसाद के परिवार को सरहरी रियासत का मालिकाना हक भी मिल गया था। राय अनूप प्रसाद के पिता गोरखपुर फर्टिलाइजर में अफ़सर थे। 1990 में गोरखपुर फर्टिलाइजर बंद होने के बाद अनूप प्रसाद के पिता राय परमेश्वरी प्रसाद पूरे परिवार  के साथ दिल्ली चले आए। दिल्ली में पूरी तरह से शिफ्ट होने के बाद अनूप प्रसाद ने गोरखपुर में अपनी पुश्तैनी जमीनों को बेचना भी शुरू कर दिया। कई बेशकीमती जमीन बेचकर दिल्ली में अपने कारोबार की शुरुआत की। 

साजिश के तहत दिलाया गया पेपर प्रिंट का ठेका

एसटीएफ की जांच के मुताबिक, 26 अक्टूबर को आरएसएम फिनसर्व नाम की कंपनी को पेपर प्रिंट कराने का ठेका दिया गया या फिर दिलाया गया। जिसके पास सुरक्षित तरीके से पेपर छापने का इंतजाम तक नहीं था। साजिश रचने वालों को ये मालूम था कि फिनसर्व के पास सुरक्षित तरीके से पेपर छापने का इंतजाम नहीं है और ये पेपर कुछ छोटी और असुरक्षित प्रेस में छपेंगे। पेपर लीक कराने वाले सिंडिकेट से जुड़े लोग ऐसी छोटी और असुरक्षित प्रेसों पर मौजूद थे। पेपर इन प्रेसों में छपा और यहीं से पेपर बेचने वालों के हाथ लग गया। 

जांच में साफ हो गया है कि पेपर छापने का ठेका मिलने से पहले ही संजय उपाध्याय और राय अनूप प्रसाद की एक मीटिंग नोएडा के एक नामी होटल में हुई थी। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में ही पेपर आउट कराने की साज़िश रची गई। इस मुलाकात का सीसीटीवी फुटेज भी जांच एजेंसियों के पास आ गया है। यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश का कहना है कि अबतक की जांच में प्रिंटिंग प्रेस से ही पेपर लीक होने की पुष्टि हो रही है। आपको बताते चलें कि रविवार को UPTET की परीक्षा होने से कई घंटे पहले पेपर आउट हो गया था। करीब 20 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होने वाले थे, लेकिन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने की वजह से सरकार को अचानक पेपर कैंसिल करना पड़ा। 

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