सार

लगातार अखिलेश के करीबियों के यहां पड़ रहे छापे लोगों के मन में सपा के लिए सहानुभूति भी पैदा करने का काम कर सकते हैं। हालाकि ये नई बात नहीं है इससे पहले भी अन्य राज्यों में चुनाव से पहले इस तरह की छापेमारी देखने को मिल चुकी है। समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों के यहां हो रही लगातार छापेमारी ने कहीं न कहीं ये तय कर दिया है कि बीजेपी की लड़ाई यूपी में सिर्फ सपा से है। लगातार एक पार्टी से जुड़े लोगों के यहां पड़ रहा छापा सरकार पर सवाल खड़े कर रहा हैं। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले IT रेड ने राजनीतिक खेमे में हलचल मचा दी है। चुनाव से पहले इस तरह की छापेमारी ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अभी तक हुई सभी छापेमारी का कनेक्शन एक ही निकल कर आया है। कहीं न कहीं सभी के अखिलेश यादव से संबंध होने का बात सामने आई है। सूत्रों की माने तो अभी यूपी में छापेमारी का दौर जारी रहेगा। 

रेड से किसका फायदा किसका नुकसान
राजनीतिक विशेषज्ञ के मुताबिक चुनाव के पहले पड़ने छापे में टाइमिंग और मकसद बड़ा रोल अदा करता है। चुनाव के पहले पड़ने वाले छापे हमेशा शंका की नजरों से देखें जाते हैं।  केंद्रीय जांच एजेंसियों की ऐसी छापेमारी सिर्फ भाजपा के समय ही नहीं बल्कि अन्य सत्तारूढ़ दलों की सरकार के वक्त भी होती थी। तो यह चुनावी दौर में छापेमारी की प्रक्रिया बड़ी पुरानी है और इसके मकसद और टाइमिंग पर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं। इन छापों का असर चुनावों पर पड़ता ही पड़ता है। लेकिन देखने वाली बात ये होगी  की इसका फायदा बीजेपी को होगा या समाजवादी पार्टी को।

क्या बीजेपी की लड़ाई सिर्फ सपा से 
वहीं वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार ने बताया कि चुनाव पर इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिलेगा। समाजवादी पार्टी को कहीं न कहीं इसका फायदा मिल सकता है। लगातार अखिलेश के करीबियों के यहां पड़ रहे छापे लोगों के मन में सपा के लिए सहानुभूति भी पैदा करने का काम कर सकते हैं। हालाकि ये नई बात नहीं है इससे पहले भी अन्य राज्यों में चुनाव से पहले इस तरह की छापेमारी देखने को मिल चुकी है। समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों के यहां हो रही लगातार छापेमारी ने कहीं न कहीं ये तय कर दिया है कि बीजेपी की लड़ाई यूपी में सिर्फ सपा से है। लगातार एक पार्टी से जुड़े लोगों के यहां पड़ रहा छापा सरकार पर सवाल खड़े कर रहा हैं। 

बिल्डर अजय चौधरी के ठिकानों पर आज हुई छापेमारी
समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के एक और करीबी पर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की है। दिल्ली और NCR के बड़े बिल्डर अजय चौधरी (Ajay Chaudhary) के ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा पड़ने की खबर आई तो सोशल मीडिया पर भी इसकी जमकर चर्चा हो रही है। 

एक साथ कई शहरों में पड़े छापे
आपको बता दें कि ACE ग्रुप के नोयडा (Noida), दिल्ली (Delhi) और आगरा (Agra) में स्थित कई ठिकानों पर बड़े पैमाने पर IT की रेड डाली गई है. वहीं खबरों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। आगरा में मनू अलघ, मानसी चंद्रा, और विजय अहूजा के यहा छापेमारी चल रही है।

सपा के करीबी इत्र करोबारियों के पड़ा छापा
आयकर विभाग के कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन और फिर पुष्पराज जैन उर्फ पंपी जैन के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। पुष्पराज जैन जहां समाजवादी पार्टी के एमएलसी है। समाजवादी इत्र इन्होंने ही बनाई थी, वहीं पीयूष जैन का भी नाम बीजेपी द्वारा सपा से जोड़ा गया, हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ किया पीयूष जैन का उनकी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। 

हाथरस में भी छापा 
उधर, हाथरस के हसायन कस्बे के सिकतरा रोड पर संचालित इत्र फैक्ट्री में छापा मारा। इस फैक्ट्री के मालिक पुष्पराज उर्फ पम्‍पी जैन हैं। फैक्ट्री के अंदर कई टीमें लगी है। इस छापे के बाद कस्बे के बाकी इत्र कारोबारियों में खलबली मची है। फैक्ट्री के आसपास किसी को नहीं आने दिया जा रहा है। छापे मे कानपुर ओर आगरा नंबर की दो गाड़ी शामिल हैं। यह फैक्ट्री कई वर्षों से बंद थी।

सपा के राष्ट्रीय सचिव राजीन राय के यहां छापेमारी
इनकम टैक्स (Income Tax) विभाग ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजीव राय (Rajeev Rai) के मऊ स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। 

अखिलेश के ओएसडी के ठिकानों पर छापेमारी
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ओएसडी रहे जैनेंद्र यादव, राहुल भसीन, मनोज यादव और जगत यादव के घर पर की जा रही है। यह छापेमारी करीब 36 घंटे तक जारी रही। अब तक की जांच में आयकर विभाग को जैनेंद्र यादव उर्फ नीटू के घर से मिनरल वाटर की कंपनी के दस्तावेज भी मिले हैं।
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