सार
चार जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले राज्यसभा सदस्यों में बीजेपी के जफर इस्लाम, शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जय प्रकाश निषाद शामिल हैं। वहीं एसपी के सुखराम सिंह यादव, विश्वंभर प्रसाद निषाद और रेवती रमन सिंह हैं। जबकि बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ के साथ ही कांग्रेस के कपिल सिब्बल का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है।
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के खत्म होने के बाद अब राज्यसभा की खाली सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर सयहोगी दलों के साथ मिलकर 273 सीटें हासिल की। राज्यसभा चुनाव में संख्याबल के हिसाब से बीजेपी सात सीटों पर जीत दर्ज करती नजर आ रही है।
वहीं गठबंधन के साथ मिलकर 111 सीटें हासिल कर सपा दूसरे स्थान पर रही थी। इनकी सीटों के संख्याबल के हिसाब से तीन सीटों पर जीत दर्ज करते हुए दिखाई पड़ रही है। वहीं एक सीट पर सपा और भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी। इस एक सीट पर कांग्रेस और बीएसपी की भी अहम भूमिका होगी। इसके साथ ही पहली पार विधानसभा चुनाव में उतरी दो विधानसभा सीटों पर कब्जा करने वाली राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी की भी अहम भूमिका रहेगी। जिस प्रत्याशी को ये अपना समर्थन देंगे उसका पलड़ा भारी होगा।
बीएसपी और कांग्रेस की भूमिका होगी अहम
इस बार हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दो सीटें मिली हैं जबकि एक सीट पर बीएसपी ने जीत दर्ज की है। लिहाजा संख्याबल को देखते हुए दोनों ही दलों के राज्यसभा सदस्य चुने जाने की कोई संभावना नहीं है। हालांकि दोनों दल किसी अन्य को अपनी समर्थन दे सकते हैं। लिहाजा ग्यारहवीं सीट के लिए इन दोनों ही दलों की अहम भूमिका होगी।
राजा भैया की पार्टी भी निभाएगी अहम भूमिका
पहली बार विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाली जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी ने दो विधानसभा सीटों पर जीन हासिल की है। लिहाजा ग्यारहवीं सीट के लिए इनका समर्थन भी अहम माना जा रहा है। हालांकि संख्याबल के हिसाब से इस दल के राज्यसभा सदस्य चुने जाने की कोई संभावना नहीं है
जीत के लिए चाहिए होते हैं 37 वोट
राज्य सभा की सीटों के लिए हर छह साल में चुनाव होता है और राज्य विधानसभा में सदस्य क्षमता के आधार पर समाजवादी पार्टी तीन सदस्यों को उच्च सदन में भेज सकती है। जबकि बीजेपी के पास सहयोगी दलों के साथ 273 सदस्यों का समर्थन है। लिहाजा इस आधार पर वह सात राज्यसभा की सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। गौरतलब है कि राज्यसभा के सदस्य को जीतने के लिए 37 वोटों की जरूरत होती है।
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