सार

हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर यूपी पुलिस, सरकार और प्रशासन की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।  पीड़िता के चचेरे भाई ने कहा-डीएम साहब ने मेरे ताऊ (पीड़िता के पिता) की छाती पर लात मारी। जिससे वह बेहोश हो गए, सभी को कमरे में बंद कर दिया। 

हाथरस (उत्तर प्रदेश). हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर यूपी पुलिस, सरकार और प्रशासन की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। पीड़िता के इंसाफ के लिए पूरे देश में जबरदस्त आक्रोश है। लखनऊ से लेकर राजधानी दिल्ली तक लोग धरना-प्रर्दशन कर रहे हैं। वहीं पीड़िता के गांव को छाबनी में तब्दील कर दिया गया है, चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात है। इसी बीच  पीड़िता के भाई ने पुलिस और जिला प्रशासन पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं।

डीएम ने पीड़िता के भाई को मारी लात
पीड़िता के चचेरे भाई ने कहा-डीएम साहब ने मेरे ताऊ (पीड़िता के पिता) की छाती पर लात मारी। जिससे वह बेहोश हो गए, घर के सभी लोगों को कमरे में बंद कर दिया गया। हमें डराया-धमकाया जा रहा है और पुलिस हमें बाहर नहीं जाने दे रही। इसके साथ ही उसने दावा किया कि, पुलिस द्वारा उनके सभी मोबाइल फोन भी छीन लिए गए है। वह किसी तरह छिपकर मीडिया तक पहुंचा है।

एक्शन में सीएम ने 5 अफसर हटाए
जब मामले ने तूल पकड़ा तो सूबे के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा-राज्य के समस्त अपराधियों का समूल नाश होगा। वहीं एक्शन में आते हुए पांच पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। जिनमें  एसपी विक्रम वीर, डीएसपी राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, उप निरीक्षक जगवीर सिंह तथा हेड मुर्रा महेश पाल शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट से जांच कराना चाहता है पीड़ित परिवार
अब सामने आया है कि मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ ही पीड़ित परिवार के लोगों का भी नार्को टेस्ट करवाया जाएगा। हालांकि पीड़ित परिवार ने यह टेस्ट कराने से मना कर दिया है। मीडिया से बात करती हुई बच्ची की मां ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच कराना चाहते हैं। प्रदेश की पुलिस और प्रशासन को भरोसा नहीं है।