सार
वोटों की गणित को समझने और सीटवार आकलन से यह पता चलता है कि सपा 77 सीटें 200 से 13000 के अंतर से हारी है। इन सीटों को जीतने के लिए उसे 496408 वोट की जरूरत थी। मतलब ये कि अगर सपा को पांच लाख वोट और मिल जाते तो गठबंधन के सहारे वह 202 के आंकड़े तक पहुंच जाती और सरकार बना लेती।
लखनऊ: यूपी विधानसभा का चुनाव परिणाम आ चुका है। अब पार्टियां इस गुणा-गणित में लग गई हैं कि उनसे कहां चूक हुई जिससे उन्हें सत्ता तक पहुंचने का जादुई आंकड़ा नहीं मिल पाया। सर्वाधिक सीटें अपने दम पर जीत कर भाजपा नंबर वन और सपा दूसरे नंबर की की पार्टी बनी है। वोटों की गणित को समझने और सीटवार आकलन से यह पता चलता है कि सपा 77 सीटें 200 से 13000 के अंतर से हारी है। इन सीटों को जीतने के लिए उसे 496408 वोट की जरूरत थी। मतलब ये कि अगर सपा को पांच लाख वोट और मिल जाते तो गठबंधन के सहारे वह 202 के आंकड़े तक पहुंच जाती और सरकार बना लेती।
सपा जहां 200 से 1000 के बीच हारी
धामपुर 203
कुर्सी 217
बीसलपुर 307
नकुड़ 315
कटरा 357
शाहगंज 719
मुरादाबाद नगर 728
सुल्तानपुर 1009
मानिकपुर 1048
छिबरामऊ 1111
वो सीटें जो 1000 से 5000 से हारी
मड़ियाहूं, सीतापुर, बदलापुर, श्रावस्ती, औराई, सलोन, फूलपुर, बिंदकी, अलीगंज, इटावा, बहराइच, जलेसर, मधुबन, जलालाबाद, तिर्वा, भोगांव, मोहम्मदी हैं।
5000 से 10000 के बीच वाली सीटें
कोल, महमूदाबाद, मेंहदावल, खागा, बीकापुर, राबर्टसगंज, मिलक, कन्नौज, ज्ञानपुर, दुद्धी, शाहाबाद, गोंडा, नरैनी, मैनपुरी, पीलीभीत, देवबंद, रायबरेली, हस्तिनपुर, सहारनपुर नगर, मलिहाबाद, मेरठ दक्षिण, गोपामऊ, जौनपुर, सिकंदरराव, सांडी, नवाबगंज, चकिया, शाहजहांपुर, करछना, दातागंज, लंभुआ, ददरौला व सिधौली है।
10000 से 13000 वाली सीटें
बिसवां, वाराणसी दक्षिण, बरेली कैंट, सैयदराजा, बलरामपुर, बदायूं, धनौरा, भोगनीपुर, पयागपुर, महोली, नानपारा, बारा, खलीलाबाद, धौलाना, अलीगढ़ व आयाशाह है।