सार
केशव देव मौर्य ने कहा कि बैलेट पेपर में 2012 के चुनाव में कर्मचारियों ने सबसे कम वोट एसपी को दिया था, तब क्या नैतिक हार थी? यह खुशी मनाने की बात नहीं है। असली कमी पर ध्यान देना चाहिए, अगर खाली ईवीएम पर ठीकरा फोड़ेंगे तो एसपी का कार्यकर्ता भी हार मान लेंगे। एसपी को कहूंगा कि हार से शर्माइए मत। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बहुत दुखी हूं, महान दल को वोट नहीं गया। एसपी के प्रत्याशियों ने हमें महत्व नहीं दिया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम आने के बाद लगातार बयानबाजी का दोर जारी है। सपा गठबंधन के खेमे में ज्यादा हलचल देखने को मिल रही है। सपा गठबंधन में दरार पड़ने के भी लगातार कयास लगाए जा रहे हैं। बीते एक दिन पहले ओपी राजभर की अमित शाह से मुलाकात की खबर ने राजनीतिक गलियारों ने हलचल मचा दी। हालांकि ओपी राजभर ने इसका खंडन कर दिया। महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य लगातार सपा पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा को हार से शर्माना नहीं चाहिए। बता दें केशव देव मौर्य ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
'हार से शर्माइए मत'
केशव देव मौर्य ने कहा कि बैलेट पेपर में 2012 के चुनाव में कर्मचारियों ने सबसे कम वोट एसपी को दिया था, तब क्या नैतिक हार थी? यह खुशी मनाने की बात नहीं है। असली कमी पर ध्यान देना चाहिए, अगर खाली ईवीएम पर ठीकरा फोड़ेंगे तो एसपी का कार्यकर्ता भी हार मान लेंगे। एसपी को कहूंगा कि हार से शर्माइए मत। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं बहुत दुखी हूं, महान दल को वोट नहीं गया। एसपी के प्रत्याशियों ने हमें महत्व नहीं दिया।
'हारने वालों से भी मिलें अखिलेश'
उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के आने के बाद सब बेपरवाह हो गए। गठबंधन के लोगों ने बहुत बयानबाजी की है, जिसकी वजह से अगड़ा हिंदू और ब्राह्मण पूरा बीजेपी की ओर चला गया। इन लोगों ने खुद अगड़ा बनाम पिछड़ा की लड़ाई छेड़ दी।
दरअसल, इससे पहले एसपी चीफ अखिलेश यादव ने कहा था कि पोस्टल बैलेट में एसपी गठबंधन को मिले 51.5% वोट और उनके हिसाब से 304 सीटों पर हुई एसपी गठबंधन की जीत चुनाव का सच बयान कर रही है। इसके आगे अखिलेश ने कहा था कि पोस्टल बैलेट डालने वाले हर उस सच्चे सरकारीकर्मी, शिक्षक और मतदाता का धन्यवाद जिसने पूरी ईमानदारी से हमें वोट दिया. सत्ताधारी याद रखें, छल से बल नहीं मिलता!
द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर महान दल के मुखिया ने कहा कि कश्मीर फाइल्स बीजेपी ने इसीलिए बनवाई, जिससे लोकसभा चुनाव को तैयारी शुरू की जा सके. कश्मीरी पंडितों के साथ अन्याय हुआ, मुस्लिम समाज को दोषी ठहराया जा रहा है. राज्यपाल उस वक्त बीजेपी के थे, जनता दल की ही सरकार थी, नरेंद्र मोदी खुद कश्मीर के प्रभारी थे, क्यों नहीं रोक पाए आप पलायन?