सार
श्री काशी विश्वनाथ धाम में साल के पहले दिन भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। सुबह से ही बाबा के दर्शन करने के लिए दिन भर भक्तों की अटूट कतार लगी रही । शाम होते होते बाबा के दरबार में पांच लाख से अधिक भक्तों ने शीश नवाया। नववर्ष पर बाबा के मंगल बेला आरती के पहले से ही भक्तों की लम्बी कतार लगनी शुरू हो गयी ।
वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) के विस्तार के बाद पूरी दुनिया की नजर वाराणसी (Varanasi) पर है । और यही वजह है कि भक्तों का बड़ा जनसैलाब नये साल (New Year) पर वाराणसी बाबा के दर्शन करने के लिए । 1 जनवरी को अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक 5 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किए । भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने काशीवासियों से अपील किया कि प्रातः 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक काशी के लोग दर्शन करने से बचे । वही वीवीआईपी दर्शन करने पर अगले आदेश तक रोक भी लगा दिया गया है ।
नववर्ष पर वाराणसी में भक्तों का उमड़ा जनसैलाब
श्री काशी विश्वनाथ धाम में साल के पहले दिन भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। सुबह से ही बाबा के दर्शन करने के लिए दिन भर भक्तों की अटूट कतार लगी रही । शाम होते होते बाबा के दरबार में पांच लाख से अधिक भक्तों ने शीश नवाया। नववर्ष पर बाबा के मंगल बेला आरती के पहले से ही भक्तों की लम्बी कतार लगनी शुरू हो गयी ।
काशी विश्वनाथ धाम से टूरिज्म को मिल रहा बढ़ावा
उत्तर प्रदेश में इस वर्ष काशी विश्वनाथ धाम को देखने के लिए टूरिस्ट की भारी भीड़ वाराणसी में पहुंच रही है। बनारस में टूरिज्म को लेकर जिस तरह से सरकार ने व्यवस्थाओं के साथ साथ प्रचार प्रसार किया था उसके फल स्वरुप वह सफल होता दिखाई दे रहा है यही वजह है कि महज 1 दिन में काशी विश्वनाथ धाम में 5 लाख दर्शकों ने बाबा के दरबार में शीश नवाया है। और सिर्फ काशी विश्वनाथ धाम ही नहीं वाराणसी के घाटों के साथ-साथ घाट उस पार रेत पर भी मिनी राजस्थान जैसा नजारा दिखाई दे रहा लोग ऊंट और घोड़ों की सवारी करते दिखाई दे रहे हैं।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल को जब भारी भीड़ और अव्यवस्था के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने खुद ही मोर्चा संभाला। शाम छह बजे तक मंडलायुक्त मंदिर परिसर में ही व्यवस्था संभालने में लगे रहे। मंडलायुक्त के आने के बाद सुरक्षाकर्मी से लेकर प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी भी मुस्तैद नजर आने लगे। मंदिर प्रशासन के अनुसार सुबह 10:30 बजे तक सवा लाख से अधिक लोगों ने दर्शन किया था। मंदिर में दर्शन करने वालों की कतार लगातार बढ़ती गई। मंदिर से गोदौलिया तक आने में लोगों को ठंड में भी पसीने छूट गए। एक तरफ मंदिर में जाने के लिए कतार लगी थी तो दूसरी तरफ निकलने वालों की कतार।