सार
सरकार ने नगर प्रतिकर भत्ता और सचिवालय भत्ता समेत कर्मचारियों के 6 प्रकार के भत्तों को ख़त्म करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस पर मुहर भी लगा दी है। जल्द ही वित्त विभाग शासनादेश जारी कर सकता है। अनुमान के मुताबिक, इन भत्तों के खत्म होने से सरकार को एक साल में 1500 करोड़ की बचत होगी।
लखनऊ (Uttar Pradesh) । सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने तबादला सत्र को शून्य घोषित कर दिया है। यह निर्णय कोरोना के मौजूदा हालात को देखते हुए लिया गया है। इसके तहत वर्ष 2020-21 के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगा दी गई है। मतलब, इस साल आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस समेत सभी अधिकारियों के ट्रांसफर पर नहीं होंगे।
यह है आदेश
आदेश में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी के चलते अग्रिम आदेश तक ट्रांसफर पर रोक रहेगी। इसके अलावा सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट), मृत्यु, बीमारी, प्रोन्नति (प्रमोशन), त्यागपत्र (इस्तीफा), निलंबन, बर्खास्तगी से खाली पदों को अनुमोदन लेकर ही तैनाती की जाएगी। अपरिहार्य स्थिति में मुख्यमंत्री से बिना अनुमोदन कोई भी स्थानांतरण (तबादला) नहीं होगा।
भत्ते भी खत्म करने की बात
सरकार ने नगर प्रतिकर भत्ता और सचिवालय भत्ता समेत कर्मचारियों के 6 प्रकार के भत्तों को ख़त्म करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस पर मुहर भी लगा दी है। जल्द ही वित्त विभाग शासनादेश जारी कर सकता है। अनुमान के मुताबिक, इन भत्तों के खत्म होने से सरकार को एक साल में 1500 करोड़ की बचत होगी।
इनके वेतन में आएगी कमी
सरकार के फैसले के बाद राज्य के कर्मचारी, शिक्षक और पुलिस विभाग को मिलने वाले सचिवालय भत्ता, नगर प्रतिकर भत्ता और अवर अभियंताओं का विशेष भत्ता कम हो जाएगा. इसके अलावा पुलिस विभाग की अपराध शाखा, सीबीसीआईडी, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, अभिसूचना विभाग, विजिलेंस, सुरक्षा शाखा के अधिकारीयों और कर्मचारियों के वेतन में कमी आएगी।
इनका भी होगा घाटा
साथ ही लोक निर्माण विभाग में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलने वाला रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता और डिजाइन भत्ता अब नहीं मिलेगा। सिंचाई विभाग में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाला इन्वेस्टीगेशन एंड प्लानिंग और अर्दली भत्ता भी समाप्त हो जाएगा। पहले इन भत्तों का भुगतान 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक स्थगित करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन, अब इन भत्तों को समाप्त करने का फैसला लिया गया है।