ड्राइविंग सीखने से पहले जिस कार को चलाने वाले हैं उसका एक चक्कर लगा लें ताकि उसकी साइज का पता चल सके और उसे चलाते समय अंदर बैठकर रास्ते का अंदाजा लग सके।
आसान ड्राइविंग के लिए सही तरह बैठना जरूरी है। इसलिए ऐसी पोजिशन में बैठे ताकि पैर क्लच, ब्रेक और एक्सीलेरेटर पर आसानी से पहुंच जाए।
कार के तीनों रियर व्यू मिरर यानी केबिन और दोनों विंडो को ठीक तरह से सेट कर ले, ताकि आसानी से पीछे नजर रख सकें।
गाड़ी चलाने से पहले उसके फंक्शन को चेक कर लें। ड्राइविंग के समय ये काम आएंगे। सबसे पहले क्लच, गियर, ब्रेक की पहचान करें ताकि बार-बार नीचे न देखना पड़े।
ड्राइविंग से पहले इंडिकेटर को दाएं और बाएं मुड़ने पर कैसे इस्तेमाल में लाना है, यह समझना भी सबसे जरूरी होता है।
हल्के सेल्फ के साथ कार स्टार्ट करें और आगे बढ़ें। शुरू-शुरू में 2-4 बार कार बंद होगी लेकिन क्लच छोड़ने और एक्सीलेरेटर देने का अंदाजा धीरे-धीरे समझ आ जाएगी।
कार के क्लच और एक्सीलेरेटर पर यूज करने की प्रैक्टिस करें, इससे आपको इसका अंदाजा आसानी से और जल्दी समझ में आ जाएगा।
ड्राइविंग में परफेक्ट बनने के लिए रेगुलर प्रैक्टिस की आवश्यकता होती है. रोज-रोज गाड़ी लेकर निकलने से ड्राइविंग की बारीकियां समझेंगे और परफेक्ट ड्राइवर बन जाएंगे।