नई कार खरीदना सपने जैसा होता है लेकिन आजकल कार खरीदते समय कई तरह की धोखाधड़ी हो रही है। हालांकि, कुछ बातों का ख्याल रखकर आप नुकसान से बच सकते हैं।
कई बार नई कार खरीदने जाने पर डीलरशिप पर 6 महीने या सालभर पहले मैन्युफैक्चर कार दे दी जाती है, जिसकी बिक्री किसी वजह से नहीं हुई है।
जब भी नई कार खरीदने जाएं तो डीलरशिप एग्जिक्यूटिव से साफ-साफ कहें कि महीने-दो महीने मैन्युफैक्चर कार ही चाहिए। डिलीवरी से पहले खुद जाकर कार का डेट ऑफ मैन्युफैक्चर देखें।
डीलरशिप एग्जिक्यूटिव पर पुरानी कारों को बेचने का प्रेशर होता है, इसलिए वह खेल कर देता है। ऐसे में वह आपको रिसेंट मैन्यूफैक्चर कार देने का झूठा आश्ववासन देता है।
कार कितनी पुरानी है, इसका पता आरसी बनवाने पर चलता है। तब तक आपका इंश्योरेंस हो जाता है। इसमें इतना खर्च हो जाता है कि आप फंस जाते हैं। शिकायत करने पर लुभावने ऑफर्स दिए जाते हैं।
इस तरह जान-बूझकर डीलरशिप एग्जिक्यूटिव कस्टमर को फंसाते हैं। जब उनके पास कोई विकल्प नीहं बचता तो कुछ पैसों की छूट के साथ पुरानी कार बेच देते हैं। ग्राहक भी यहां मजबूत हो जाते हैं।
इस तरह की धोखाधड़ी होने पर शिकायत करने और दूसरी कार लेने का विकल्प होता है। लेकिन इंश्योरेंस में गया पैसा मिलने में 15 दिन से 1 महीने लग जाते हैं। इससे बचने पुरानी कार ले लेते हैं।
नई कार में अच्छा-खासा एकमुश्त पैसा लगता है इसलिए जिस गाड़ी को खरीद रहे हैं, उसकी हर एक जानकारी अच्छी तरह लेने के बाद ही कार खरीदने की प्रकियाएं पूरी करने जाएं।