रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास जंग के बाद अब एक और युद्ध की संभावना दिख रही है। इजराइल-ईरान जंग को लेकर मिडिल ईस्ट में तनाव बना हुआ है, जिसके चलते सोना महंगा हो रहा है।
युद्ध के चलते सबसे बड़ा डर ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित होने का रहता है। इससे न सिर्फ आम लोग बल्कि सरकारें भी रिजर्व के रूप में गोल्ड खरीदती हैं। डिमांड बढ़ने से ये महंगा होता है।
यूरोपियन यूनियन से अलग होने के बाद ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड 3 दशक के निचले स्तर पर है। ऐसे में निवेशक पाउंड को बचाने के लिए सोने में इन्वेस्ट कर रहे हैं। इससे सोना महंगा हो रहा है।
इंग्लैंड के सेंट्रल बैंक 'बैंक ऑफ इंग्लैंड' ने पाउंड में गिरावट को देखते हुए एक बयान में कहा कि लाभ के लिए सुरक्षित संपत्तियों में निवेश करें। इसके चलते लोग सोना खरीद रहे हैं।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि पाउंड कुछ रिजर्व करंसी में से एक है। ऐसे में संभावना है कि इंग्लैंड का केंद्रीय बैंक आने वाले समय में और ज्यादा सोना खरीदे, जिससे ये महंगा होगा।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एसपीडीआर के आकड़ों के मुताबिक पूरी दुनिया के संस्थागत निवेशक इस सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं। सोने में निवेश बढ़ने की वजह से इसकी मांग और कीमतें तेज हो रही हैं।
सोने की कीमतों में तेजी की वजह से कई निवेशक इस समय डॉलर/पाउंड की जगह सोने में व्यापार को अहमियत दे रहे हैं। ताकि डॉलर या पाउंड की कीमत में गिरावट के चलते उन्हें घाटा न हो।
भारत में फिलहाल शादियों का सीजन शुरू हो चुका है, जिसकी वजह से सोने की डिमांड में काफी तेजी आई है। मांग बढ़ने की वजह से अभी सोना और महंगा हो सकता है।
इसके अलावा भारत में इस साल अच्छे मानसून की उम्मीद है। इसके चलते पैदावार बढ़िया रहेगी। अच्छी पैदावार के चलते किसानों को बेहतर मुनाफा होता है, जिसे वो सोने में निवेश करते हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि आनेवाले कुछ महीनों में सोने की कीमत 75000 रुपए प्रति 10 ग्राम के लेवल को भी पार कर सकती हैं।