एडटेक कंपनी बायजू के हालात बुरे हो चुके हैं। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी पर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के सामने विक्रेताओं के दावे 190 करोड़ तक हो गए हैं।
बायजू के लिए बढ़ते दावे उस वक्त आ रहे हैं, जब निवेशकों से विवाद की वजह से कंपनी को राइट इश्यू से जुटाए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर नहीं मिल पाए है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बायजू पर जितनी उधारी है, उसमें हालिया हैंडसेट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ओप्पो ने 1 करोड़ रुपए का दावा किया है। अभी दोनों ने NCLT के सवालों के जवाब भी नहीं दिए हैं
भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई ने बायजू के सभी लेनदारों में सबसे बड़ा दावा 158.9 करोड़ का किया है।
Byju पर कॉजेंट ई-सर्विसेज ने 6.7 करोड़ और टेलीपरफॉर्मेंस बिजनेस सर्विसेज ने भी 5 करोड़ बकाये का दावा किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कभी दावे विवादित होने से बकाया कम भी हो सकता है।
बायजू को रविंद्रन ने साल 2011 में बनाया था। कोरोना के दौरान स्टार्टअप बहुत तेजी बढ़ा। 2022 में 22 अरब डॉलर की वैल्यूएशन भी हासिल की लेकिन फिर कंपनी के बुरे दिन शुरू हो गए।
पिछले 1 साल में Byju’s ने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। बचे कर्मचारियों को भी कंपनी जैसे-तैजे मुस्किल से सैलरी दे पा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बायजू देश की सबसे ज्यादा घाटे वाली कंपनियों में शामिल हो गई है। इसका नेट लॉस करीब 1 अरब डॉलर बताया जा रहा है।