Hindi

क्या आप जानते हैं नूंह-मेवात का असली नाम, जानें किसने बसाया ये शहर

Hindi

2004 में हरियाणा का 20वां जिला बना नूंह

2004 में गुरुग्राम से अलग करके नूंह को हरियाणा का 20वां जिला बनाया गया। ओमप्रकाश चौटाला ने इसे जिला बनाने की घोषणा की थी।

Image credits: Getty
Hindi

नूंह का पुराना नाम सत्यमेवपुरम

नूंह (मेवात क्षेत्र) का पुराना नाम सत्यमेवपुरम है। 2005 में जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो इसका नाम बदलकर मेवात कर दिया गया।

Image credits: Getty
Hindi

देश का सबसे पिछड़ा जिला है नूंह

इसके बाद 2016 में एक बार फिर मेवात का नाम बदलकर नूंह कर दिया गया। 2018 में आई नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, ये देश का सबसे पिछड़ा जिला है।

Image credits: Getty
Hindi

1200 साल पुराना है नूंह का इतिहास

नूंह-मेवात (सत्यमेवपुरम) का इतिहास करीब 1200 साल पुराना है। मेवात पर लिखी गई किताबों के मुताबिक, इसे सबसे पहले किशनधज नामक ब्राह्मण ने बसाया था।

Image credits: Getty
Hindi

अलाउद्दीन खिलजी ने ब्राह्मणों से छीनी जमीन

बाद में अलाउद्दीन खिलजी ने ब्राह्मणों से सारी जमीन छीनकर नूंह की सत्ता खानजादों को सौंप दी। धीरे-धीरे यहां खानजादों और कुरैशियों की आबादी बढ़ गई।

Image credits: Getty
Hindi

नूंह-मेवात में ज्यादात अब मेव और जाट समुदाय

बंटवारे के बाद ज्यादातर कुरेशी और खानजादे पाकिस्तान चले गए। नूंह-मेवात के आसपास के इलाके में अब मेव और जाट समुदाय के लोग रहते हैं।

Image credits: Getty
Hindi

7910 वर्ग किलोमीटर में फैला है मेवात क्षेत्र

'द ओरल ट्रेडिशन ऑफ मेवात'के मुताबिक, ये इलाका करीब 7910 वर्ग KM का है। इसमें कुछ हिस्सा राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश का भी शामिल है।

Image credits: Getty
Hindi

हरियाणा में नूंह की साक्षरता सबसे कम

नूंह हरियाणा का सबसे कम साक्षरता (54.08%) वाला जिला है। हालांकि, लिंगानुपात के मामले में ये हरियाणा में सबसे ज्यादा 907/1000 है।

Image credits: Getty
Hindi

नूंह में महाभारत कालीन प्राचीन मंदिर

नूंह जिले में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। यहां फिरोजपुर झिरका में एक प्राचीन शिव मंदिर है। कहा जाता है कि ये मंदिर महाभारत काल से है।

Image credits: Justdial

जया किशोरी ने बताई सच्चे दोस्त की खूबियां, कैसे लोगों से करें दोस्ती

पुणे की नेहा का US में जलवा, संभाल रहीं 75,000 Rs करोड़ की कंपनी

Rs.5 हजार से शुरू किया कारोबार, अब 10,750 करोड़ की कंपनी के मालिक

कौन हैं रक्षा झा, जो कबाड़ की बस से खड़ी कर रहीं करोड़ों का कारोबार