जया किशोरी के मुताबिक, दोस्त ऐसा होना चाहिए जिससका माइंडसेट आप की ही तरह हो। दोस्ती में आदतों का मैच होना जरूरी नहीं, लेकिन माइंडसेट मैच होना जरूरी।
ऐसे में दोस्ती हमेशा उस शख्स से करें जिसके आचार-विचार आपसे मेल खाते हों। कभी भी डिस्ट्रिक्टिव माइंडसेट वाले लोगों से दोस्ती न करें।
दोस्त ऐसा होना चाहिए जो, अपनी जिंदगी में हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश करे। जीवन में बदलाव लाने की बात करें। पॉजिटिव रहे।
जया किशोरी के मुताबिक, ऐसा कहा जाता है कि अगर आपकी दोस्ती दो कामयाब लोगों के साथ है, तो तीसरे कामयाब शख्स आप खुद होंगे।
जया किशोरी के मुताबिक, बुराई तेजी से बढ़ती है। ऐसे में अगर आप किसी बुरे शख्स की संगति में हैं तो आपके बिगड़ने के चांस बहुत ज्यादा हैं।
ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि बुरी चीजें आसानी से और कुछ पल के लिए सुकून देने वाली होती हैं, जबकि अच्छी चीजों को अपनाने में वक्त और मेहनत दोनों लगती है।
कई स्टडीज में ये सामने आया है कि जिंदगी भर में सिर्फ 1 या 2 लोग ही सच्चे दोस्त हो सकते हैं। इसलिए सबको अपना मित्र समझने की भूल न करें।
दोस्त बनाने में हमेशा बेहद सावधानी बरतें। क्योंकि अगर आपके पास कोई सच्चा दोस्त है, तो वो किसी भी तरह के हालात में आपको कभी अकेला नहीं छोड़ सकता।