शॉपिंग के पहले लिस्ट होनी चाहिए, वरना हम गैर–जरूरी चीजें उठाना शुरू कर देते हैं। लिस्ट में कौन–सी दाल चाहिए, कितना चावल, कितना तेल, कौन-सी सब्जी कितनी बार..सब लिखें।
ब्रांडेड पैकिंग चीजों को दोगुना महंगा बना देती है। गुणवत्ता में बहुत फर्क नहीं होता है। 1-2 छोटे लोकल ब्रांड ट्राई करें, आप खुद फर्क महसूस करेंगे।
दाल, चावल, शक्कर और तेल जैसी चीजें जल्दी खराब नहीं होती हैं, इसलिए बल्क में खरीदें। 1 किलो की जगह 5-10 किलो खरीदें, इससे 20-30% तक बचत कर सकते हैं।
मॉर्निंग मार्केट या मंडी में रेट दुकान से हमेशा कम मिलता है। टमाटर मंडी में 20 रुपए प्रति किलो और दुकानों में 40 प्रति किलो तक चला जाता है। सीजनल सब्जियां सस्ती पड़ती हैं।
कुछ भरोसेमंद ग्रॉसरी ऐप्स जैसे ब्लिंकिट, Zepto, जियोमार्ट क्विक डिलीवरी के साथ बड़े ऑर्डर पर भारी ऑफर देते हैं। पेटीएम, फोनपे जैसे यूपीआई ऐप्स से पेमेंट पर ऑफर और कैशबैक मिलते हैं।
घर में सबसे ज्यादा बजट चिप्स, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक्स, जूस जैसे आइटम्स से ही उड़ता है। अगर आप इनका यूज ही आधा कर दें, तो आपका 15-20% खर्च तुरंत कम हो जाएगा।
दूध से दही और पनीर घर में बनाना बहुत आसान और बहुत सस्ता पड़ता है। बाहर से खरीदने में 2-3 गुना पैसा लगता है। इन चीजों को घर पर बनाकर अच्छी बचत कर सकते हैं।
चाय की पत्ती और दूध का खर्च बहुत जल्दी बढ़ता है। इनकी क्वांटिटी कंट्रोल करके थोड़ा ही बनाएं। इन्हें बार–बार बनाने से बचें। ऐसा करने से भी बचत की जा सकती है।
अगर आप नॉन-वेजिटेरियन है तो हफ्ते में कम से कम 2-3 दिन वेज मील ट्राई करें। दाल-सब्जी और रोटी का खाना सस्ता होने के साथ ही हेल्दी भी होता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर आप नहीं जानते कि पैसा कहां जा रहा है, तो बचत होना नामुमकिन है। छोटा सा नोटबुक या मोबाइल नोट बना लें। इससे पैसे बचाने में मदद मिलेगी।
यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी और जागरूकता के लिए है। बचत का असर हर किसी के बजट और जरूरत के अनुसार अलग हो सकता है। खाने या खर्च से जुड़े बड़े बदलाव से पहले रिसर्च जरूर करें।