अगर कोई लेंडर कहे कि पहले फीस, इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन चार्ज भरें, तो सावधान हो जाइए। असली बैंक लोन से पहले पेमेंट नहीं मांगते। प्रोसेसिंग फीस को सैंक्शन अमाउंट से डिडक्ट करते हैं।
अगर कोई कंपनी कहे डाक्यूमेंटेशन, इंस्टेंट अप्रूवल, क्रेडिट स्कोर की जरूरत नहीं तो समझिए मामला संदिग्ध है। हर असली लेंडर आपके CIBIL स्कोर और इनकम प्रूफ जरूर चेक करता है।
फ्रॉड लेंडर भ्रमित करने के लिए कहते हैं, 'ऑफर आज खत्म हो जाएगा', 'अभी पेमेंट कीजिए वरना लोन रिजेक्ट हो जाएगा।' असली बैंक कभी दबाव नहीं बनाते। वे शर्तें पढ़ने-समझने का समय देते हैं।
किसी भी लेंडिंग कंपनी का पहला टेस्ट यही है कि वो RBI रजिस्टर्ड NBFC है या नहीं? अगर नहीं, तो तुरंत दूर रहें। RBI की वेबसाइट पर जाकर NBFC लिस्ट चेक करें या अपने बैंक से वेरिफाई करें
अगर लेंडर की वेबसाइट पर पता, फोन नंबर या ईमेल सपोर्ट नहीं है, तो ये एक बड़ा रेड फ्लैग है। असली लेंडर के पास हमेशा एक वेरिफाइड एड्रेस, वेबसाइट और रिव्यूज होते हैं।
'₹10 लाख लोन 5 मिनट में', '0% ब्याज', 'बिना इनकम प्रूफ लोन', ऐसे ऑफर सिर्फ फ्रॉड वेबसाइट्स पर मिलते हैं। क्योंकि असली लेंडर कभी गारंटीड अप्रूवल नहीं देते हैं।
OTP, बैंक डिटेल्स, पैन, आधार नंबर या मोबाइल ऐप को कॉंटैक्ट्स और गैलरी एक्सेस देने की मांग, ये सब साफ संकेत हैं कि आप फ्रॉड के जाल में फंस सकते हैं।
कुछ फेक लोन ऐप्स आपके फोन से कॉन्टैक्ट्स, फोटो और लोकेशन एक्सेस ले लेते हैं ताकि बाद में ब्लैकमेल कर सकें। इससे बचें और ज्यादा परमिशन न दें।
कई फेक वेबसाइट्स या सोशल मीडिया पेज पर '5 स्टार रिव्यू' और 'थैंक्यू लोन टीम' जैसे नकली कमेंट्स मिलते हैं। असली यूजर रिव्यूज में पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों अनुभव होते हैं।
अगर लेंडर किसी पर्सनल UPI ID या QR कोड से पैसे भेजने को कहे तो तुरंत मना कर दें। असली कंपनियों के पास हमेशा ऑफिशियल पेमेंट गेटवे होता है, पर्सनल UPI नहीं।