अगर आपने भी बैंक में एफडी की है और एफडी पर कमाए गए ब्याज पर टैक्स बचाना चाहते हैं तो एक काम फटाफट कर लें, वरना नुकसान हो सकता है।
किसी भी बैंक में FD में निवेश करने के बाद टैक्स सेविंग के लिए Form 15G और Form 15H भरना जरूरी होता है। अगर इसे समय पर नहीं दिया तो एफडी पर कमाए गए ब्याज पर बैंक टीडीएस काट लेगा।
IT नियमों के मुताबिक, हर वित्त वर्ष की शुरुआत में एफडी स्कीम में निवेश करने वाले कस्टमर्स को बैंक में Form 15G और Form 15H जमा करना होता है।
FD पर टैक्स छूट के लिए 60 साल से कम उम्र के लोगों को फॉर्म 15G भरकर जमा करना पड़ता है। वहीं, 60 साल से ज्यादा उम्र वालों को फॉर्म 15H जमा करना पड़ता है।
बता दें कि अगर कोई शख्स FD पर किसी एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपये से ज्यादा का ब्याज कमाता है और उसने Form 15G नहीं भरा, तो बैंक 10% TDS काटेगा।
पैन कार्ड नहीं देने पर बैंक 20% TDS काट सकता है। हालांकि, अगर बैंक FD पर कमाए ब्याज पर TDS काटता है और आप टैक्स के दायरे में नहीं हैं तो ITR फाइल कर रिटर्न ले सकते हैं।
वहीं, सीनियर सिटिजंस को एक वित्त वर्ष में एफडी से 50,000 रुपये तक के ब्याज पर छूट है। इससे ज्यादा पर उसे फॉर्म 15H जमा करना बेहद जरूरी है।