ITR में कोई भी गलती या आंकड़ों में गलती रिफंड प्रोसेसिंग को धीमा कर सकती है। विभाग इसे मैन्युअली चेक करता है, जिससे कुछ दिन या हफ्तों की देरी हो सकती है।
गलत पता, ईमेल या मोबाइल नंबर होने पर रिफंड अटक सकता है। सुनिश्चित करें कि सभी जानकारी सही और अपडेटेड हो।
रिफंड सीधे बैंक खाते में जाता है। नाम, खाता नंबर या IFSC में गलती होने पर प्रक्रिया में हफ्तों या महीनों की देरी हो सकती है।
अगर कोई अन्य व्यक्ति आपके PAN या बैंक डेटा का गलत इस्तेमाल करता है, तो रिफंड प्रक्रिया ठप हो सकती है।
अगर जॉइंट तौर से इनकम टैक्स रिटर्न भरा गया लेकिन बीच में ही लाइफ पार्टनर की मौत हो गई तो IRS Form 1310 जमा करना जरूरी है। बिना इसे जमा किए रिफंड नहीं मिल सकता।
जॉइंट रिटर्न में जीवनसाथी के कर्जों से जुड़े रिफंड के लिए Form 8379 जरूरी है। इसे प्रोसेस होने में 60–90 दिन लग सकते हैं।
अगर विभाग आपके रिफंड को संदिग्ध मानता है, तो वे अतिरिक्त दस्तावेज मांग सकते हैं। जब तक दस्तावेज नहीं दिए जाते, रिफंड नहीं मिलता।
आयकर विभाग की तरफ से गलत रिटर्न मानने पर रिफंड प्रक्रिया में देरी होती है।
अगर आपने रिटर्न में बदलाव किया है, तो प्रोसेसिंग समय 12–16 हफ्ते तक बढ़ सकता है।
अगर रिफंड पिछले साल की बकाया राशि के साथ एडजेस्ट हुआ है, तो देरी हो सकती है।
ITR फाइल के बाद वेरिफाई करना बेहद जरूरी है।
ई-वेरिफिकेशन के लिए आधार OTP या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप फिजिकली वेरिफाई करना चाहते हैं, तो ITR-V फॉर्म साइन कर पोस्ट करें।