भारतीय जीवन बीमा निगम अपनी धन वृद्धि पॉलिसी (LIC Dhan Viddhi Policy) को वापस लेने जा रही है।
एलआईसी धन वृद्धि एक नॉन लिंक्ड इंडिविजुअल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी थी। इसमें निवेश करने वाले ग्राहकों को बीमा सुरक्षा के साथ ही सेविंग का भी फायदा मिल रहा था।
धन वृद्धि पॉलिसी स्कीम 869, UIN 512N362V02 को 23 जून, 2023 को शुरू किया गया था। हालांकि, बाद में इसे सितंबर में बंद कर दिया था।
LIC ने दोबारा फरवरी में इसे शुरू किया और 1 अप्रैल, 2024 को बंद कर दिया। इस पॉलिसी के तहत 10, 15 और 18 साल की अवधि के लिए निवेश किया जा सकता था।
LIC की धन वृद्धि पॉलिसी को खरीदने की मिनिमम उम्र 90 दिन से लेकर 8 साल तक थी। वहीं, अधिकतम उम्र 32 से 60 साल के बीच थी। इस पॉलिसी पर लोन लेने की सुविधा भी थी।
LIC की धन वृद्धि पॉलिसी में 1.25 लाख रुपये का मिनिमम सम एश्योर्ड था। लेकिन अब एलआईसी ने इस पॉलिसी को विदड्रॉ कर लिया है।
ऐसे में अगर आपके पास भी ये पॉलिसी है और आप उसे सरेंडर करना चाहते हैं तो आइए जानते हैं इससे जुड़े नियम क्या हैं?
LIC के नियमों के मुताबिक, पॉलिसी होल्डर पॉलिसी खरीदने के बाद जब चाहें अपनी जरूरत के हिसाब से पॉलिसी को सरेंडर कर सकता है। ऐसा करने पर कंपनी सरेंडर वैल्यू का भुगतान करेगी।
LIC पहले तीन साल में पॉलिसी सरेंडर करने पर सरेंडर वैल्यू के रूप में सिंगल प्रीमियम का 75 फीसदी राशि का भुगतान करता है।