मैटरनिटी इंश्योरेंस में बीमा कंपनियां प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली किसी बीमारी कवर करती हैं। मिसकैरेज होने पर भी मदद करती है। फैमिली प्लानिंग से पहले इसे लेना अच्छा माना जाता है।
कई प्रमुख बीमा कंपनियों ने मातृत्व कवरेज के लिए वेटिंग पीरियड्स 2-3 साल से कम कर 9-12 महीने कर दिया है। इसका मकसद प्रेगनेंसी में तुरंत फाइनेंशियल हेल्प उपलब्ध करवाना है।
पैरेंट्स बनने के बाद कई सारे खर्चे बढ़ जाते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान भी काफी ज्यादा खर्चे होते हैं, ऐसे में मैटरनिटी इंश्योरेंस काम आ सकता है।
एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि अगर आप फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं तो सबसे पहले जाकर मातृत्व स्वास्थ्य बीमा योजना (Maternity Insurance) लेना चाहिए, ताकि जरूरत में सुविधाएं उपलब्ध हों।
मैटरनिटी इंश्योरेंस का वेटिंग पीरियड 9 महीने से लेकर 4 साल तक हो सकती है। ऐसे में अगर आप अगले दो से तीन साल में फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं तो अभी इस बीमा को करवा लाभ पा सकते हैं।
मैटरनिटी इंश्योरेंस में कंपनियां व्यक्तियों के लिए अननेम्ड यानी बिना पार्टनर के भी पॉलिसी खरीदने का विकल्प देती हैं। जिसमें शादी के बाद जीवनसाथी का नाम जोड़ा जा सकता है।
इस पॉलिसी में कई जरूरी चीजें कवर होती हैं। मैटरनिटी इंश्योरेंस पॉलिसी में बांझपन और इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तक का इलाज करवाती हैं। पूरा पैसा बीमा कंपनियां खर्च करती हैं।