साइबर ठग खुद को बैंक या कस्टमर केयर बताकर OTP या PIN मांगते हैं। ध्यान रखें कि कोई भी बैंक OTP, PIN, CVV या पासवर्ड नहीं मांगता है।
रिवॉर्ड जीतो, SIM बंद हो जाएगी, KYC अभी अपडेट करें जैसे SMS-ईमेल्स बड़े धोखे होते हैं। फेक लिंक पर क्लिक करते ही फ्रॉडर्स आपकी जानकारी चुरा लेते हैं। इससे पहले हमेशा URL चेक करें।
सबसे ज़्यादा फ्रॉड UPI पेमेंट के बहाने होते हैं। पैसे लेने के लिए कभी QR कोड स्कैन नहीं किया जाता, स्कैन सिर्फ पैसे भेजने के लिए होता है।
कैफे, स्टेशन, मॉल में मिलने वाला फ्री वाई-फाई फ्रॉडर्स की तरफ से मॉनिटर किया जा सकता है। बैंकिंग या पेमेंट सिर्फ अपने मोबाइल डेटा से करें।
फेक लोन ऐप्स, स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स और अननोन APK फाइल्स आपके फोन का पूरा कंट्रोल छीन सकती हैं। हमेशा ऐप सिर्फ गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें।
जैसे ही पैसा कटे या कोई सस्पिशियस एक्टिविटी हो तो आपको तुरंत पता चल जाए। यह ज्यादातर फ्रॉड के नुकसान को समय रहते रोक देता है।
एक जैसा पासवर्ड हर जगह न रखें। पासवर्ड में कैपिटल लेटर, स्मॉल लेटर, नंबर, स्पेशल कैटेक्टर वाला कॉम्बो जरूर रखें। इसके अलावा 2FA (Two-Factor Authentication) का इस्तेमाल करें।
फेक गिववेज, क्रिप्टो डबलिंग स्कीम, फर्जी कस्टमर केयर नंबर, ये सब ठगी के नए तरीके हैं। कस्टमर केयर नंबर हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट से ही देखें।
सेविंग्स अकाउंट में ज्यादा बैलेंस रखना जोखिम बढ़ाता है। ज्यादा पैसा FD या अलग खाते में रखें।
अगर आपके साथ धोखा हो गया तो घबराएं नहीं, फटाफट नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करके हेल्प लें। https://cybercrime.gov.i पर शिकायत दर्ज करें। बैंक से कार्ड-UPI ब्लॉक कराएं।