भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग मंगलवार से चल रही है। 8 फरवरी, 2024 को आरबीआई गवर्नर द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करेंगे।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आरबीआई लगातार 6वीं बार रेपो रेट फ्रीज रखने का फैसला कर सकता है। महंगाई दर 4 फीसदी पर लाने के लिए रेपो रेट 1 साल से 6.5 फीसदी पर होल्ड है।
केंद्रीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 8 फरवरी, 2023 को रेपो दर को 25 बेसिस प्वाइंट (BPS) बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था। मतलब इस बार भी EMI कम होने की उम्मीद न के बराबर है।
अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है RBI बैंकिंग सिस्टम में टाइट लिक्विडिटी को देखते हुए कुछ लिक्विडिटी की घोषणा कर सकती है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में लोन, डिपॉजिट का अंतर 3.6 लाख करोड़ है।
RBI रेपो दर को 6.5% पर छोड़नेके साथ, रेपो दर से जुड़ी सभी बाहरी बेंचमार्क उधार दरें (EBLR) नहीं बढ़ेंगी। ऐसे में कर्जदारों को राहत मिलेगी, क्योंकि उनकी EMI नहीं बढ़ेगी।
रिजर्व बैंक के रेपे रेट होल्ड रखने पर लेंडर्स कस्टमर्स के लोन पर ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं, जो फंड-बेस्ड उधार दर (MCLR) की मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े हैं।
मई 2022 और फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 250 BPS इजाफे का ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। पॉलिसी रेपो रेट में 250 BPS की बढ़ोतरी के बदले बैंकों ने EBLR में समान मैग्नीट्यूटी का इजाफा किया है।