आधार कार्ड से फ्रॉड काफी ज्यादा बढ़ गया है। अगर आपका आधार या इसकी जानकारियां किसी के हाथ लग गया तो उसका मिसयूज हो सकता है। फाइनेंशियल नुकसान से लेकर पहचान तक चोरी हो सकती है।
आधार से जुड़ी जानकारियों का गलत दुरुपयोग कर क्रिमिनल्स आपका बैंक अकाउंट साफ कर सकते हैं। आपके नाम सिम इश्यू करवाकर उसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आधार से फ्रॉड होता है, तो उसमें आपका नाम आ सकता है। इससे आपकी कमाई लुट सकती है। गलत अपराधों में इस्तेमाल से आप पुलिस के झमेले में फंस सकते हैं।
आधार होल्डर्स को अपराधों और आधार से जुड़ी जानकारियों से दुरुपयोग से बचाने के लिए आधार अधिनियम 2016 में इससे जुड़े अपराध और उनकी सजा के बारें में बताया गया है।
आधार एनरॉलमेंट में गलत जानकारी देने पर आपको 3 साल की जेल हो सकती है या फिर 10,000 का जुर्माना या दोनों हो सकता है। किसी के आधार की जानकारी से छेड़छाड़ पर भी यही सजा है।
अगर कोई खुद को अधिकारी बताकर आपसे आधार की जानकारियां लेकर उसका गलत इस्तेमाल करता है तो उसे जेल जाने से लेकर लाखों तक का जुर्माना हो सकता है।
अगर अधिकृत बताने वाला अधिकारी इंडिविजुअल हुआ तो 3 साल तक की जेल या 10,000 का जुर्माना या दोनों हो सकता है। कोई कंपनी हुई तो जुर्माना 1 लाख तक हो सकता है।
आधार के सेंट्रल रिपॉजिटरी में अगर कोई सेंध लगाता है तो उसे कम से कम 10 साल तक की जेल और 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। रिपॉजिटरी में डेटा छेड़छाड़ पर भी इतनी ही सजा है।