भारतीय मूल के फिरोज मर्चेंट दुबई के प्योर गोल्ड जैवर्स के मालिक हैं। फिरोज मर्चेंट के पिता गुलाम हुसैन रियल एस्टेट ब्रोकर थे। इनका परिवार मुंबई की झुग्गियों में रहा करता था।
फिरोज मर्चेंट ने अब तक 20 हजार कैदियों की रिहाई कराई है। यह कैदियों भारत भेजने के लिए फ्लाइट की टिकट की भी व्यवस्था कराते हैं।
फिरोज मर्चेट ने इस साल 900 कैदियों की रिहाई के लिए 10 लाख दिरहम दान यानी भारतीय रुपये के मुताबिक 2.25 करोड़ दान दिए हैं।
फिरोज ने 1980 में मुंबई की रोजिना से शादी की। वह हनीमून पर दुबई गए थे जहां गोल्ड मार्केट गोल़्ड सूक में घूमने के दौरान उन्होंने इस बिजनेस में जाने का मन बना लिया और सफल रहे।
फिरोज मर्चेंट की माने तो 11 सदस्यों वाले परिवार में पिता ही कमाते थे। ऐसे में कक्षा 2 में पढ़ाई के दौरान ट्यूशन फीस देने के लिए भी पैसे नहीं रहने पर उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा था।
फिरोज मर्चेंट की गिनती दुबई के बड़े गोल्ड बिजनेसमैन में होती है। कारोबार के साथ वह दान और परोपकार में भी काफी आगे रहते हैं।
फिरोज मर्चेंट कैदियों को रिहा कर उन्हें फिर से नया जीवन शुरू करने का मौका देना चाहते हैं ताकि वे अच्छा इंसान बन सकें। इस साल 3000 कैदियों को स्वदेश भेजने का उनका लक्ष्य है।