लंबे समय से कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे बनी हुई हैं। बावजूद इसके ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कटौती नहीं कर रही हैं।
यहां तक कि लोकसभा चुनाव सिर पर हैं, लेकिन बावजूद इसके पेट्रोल-डीजल के भाव कम नहीं हो रहे हैं। आखिर क्या है इसके पीछे असल वजह।
देश के करीब 90% फ्यूल पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (HPCL) जैसी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का नियंत्रण है।
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का कहना है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में हाल ही में आई मजबूती के चलते कंपनियों को प्रति लीटर डीजल पर करीब 3 रुपए का घाटा हो रहा है।
इतना ही नहीं, पेट्रोल पर भी उन्हें जो मुनाफा हो रहा था उसमें कमी आई है। पेट्रोल पर प्रॉफिट में कमी और डीजल पर घाटे की वजह से कंपनियों ने फिलहाल कीमतें घटाने का फैसला टाल दिया है।
बता दें कि 2023 के आखिर में कच्चे तेल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गए थे। लेकिन 15 जनवरी, 2024 के बाद क्रूड में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है।
फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 83 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं। ऐसे में अब ऑयल कंपनियां कीमतों में कब तक कटौती करती हैं, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
केंद्र ने आखिरी बार पेट्रोल-डीजल के दाम में 21 मई, 2022 को बदलाव किया था। तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर कम किया था।
दिल्ली में फिलहाल पेट्रोल 96.72 रुपए, मुंबई में 106.31 रुपए, जयपुर में 108.48 रुपए, लखनऊ में 96.47 रुपए और भोपाल में 108.65 रुपए हैं।