मेरिन जोसेफ ने छोटी उम्र से ही आईपीएस अधिकारी बनने का सपना देखा था। वजह साफ थी कमजोर लोगों की रक्षा करना और न्याय के लिए लड़ना।
मेरिन ने यूपीएससी 2012 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 188 हासिल की। और भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुईं।
मेरिन जोसेफ अपने कार्यों से स्पेशल ऑफिसर के रूप में पहचान बनाई और Y20 शिखर सम्मेलन के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाली सबसे कम उम्र की ऑफिसर बनी।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने में IPS मेरिन का रूख तब स्पष्ट हो गया जब उनकी नजर एक बच्ची से बलात्कार के आरोपी के 2 साल पुराने मामले पर पड़ी, जो सऊदी अरब भाग गया था।
सऊदी अरब भागे बलात्कार के आरोपी के मामले में मेरिन जोसेफ ने निडरता से आगे आने वाली चुनौतियों का सामना किया। और उस आरोपी को उसके जघन्य कार्यों की सजा दिलाई।
मेरिन जोसेफ की अथक खोज से सऊदी अरब में बाल-बलात्कार के आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली। उनके प्रयासों से पीड़िता को न्याय मिला और न्यायिक प्रणाली में विश्वास फिर से जगा।
अपने करियर में जोखिम भरे कार्यों को करने के लिए पहचान बनाने वाली IPS मेरिन को अपने जीवन साथी, डॉ. क्रिस अब्राहम, जो कि केरल के एक प्रतिष्ठित मनोचिकित्सक हैं, का पूरा सपोर्ट मिला।
मेरिन के अटूट समर्पण ने दृढ़ता की शक्ति और एक सच्चे सुपर-कॉप वाले की अदम्य भावना को प्रदर्शित किया। यही वजह है कि इस खूबसूरत IPS को लोग सुपरकॉप के नाम से जानते हैं।
अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों के माध्यम से IPS मेरिन ने विशेषकर महिलाओं को बाधाओं को तोड़ने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए सशक्त बनाया है।