कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से जब्त करीब 300 करोड़ रुपये की नगदी के बाद अब ये रकम कहां, किसके पास जायेगी, घर में कितना कैश रख सकते हैं? क्या प्रावधान है।
घर में जितना चाहे कैश रख जाते हैं लेकिन शर्त यह है कि ये कैश कालाधन न हो। कमाई का सटीक सोर्स पता होना जरूरी है।
छापेमारी में बेहिसाब धन मिले और यह धन रखने वाला अपनी कमाई का वैध, कानूनी सोर्स नहीं बता पाये तो उसे टैक्स के साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
यदि किसी छापेमारी में अवैध धन जब्त किये जाते हैं तो कैश रखने वाले को उस धन प्राप्ति का वैध सोर्स बताना पड़ता है यदि नहीं बता पाये तो उन्हें 137% तक जुर्माना भरना पड़ सकता है।
जब्त नगदी का आकलन करने के बाद इसका पंचनामा फाइल होता है। बैक अधिकारियों की मौजूदगी में जब्त नगदी की लिस्ट बनती है। इसके बाद इसे किसी सरकारी बैक के अकाउंट में जमा कर दिया जाता है।
जब्त जगदी पर विभाग की ओर से एक फाइनल कुर्की तैयार की जाती है। कुर्की की पुष्टि के लिए मामला अदालत में जाता है। मुकदमा समाप्त होने तक पैसा बैंक में ही रहता है।
यदि आरोपी दोषी पाया गया तो पैसा केंद्र की संपत्ति बन जाता है वहीं यदि आरोपी बरी कर दिया जाता है तो उसे सारी नकद राशि वापस कर दी जाती है।