पूजा खेडकर से आईएएस का तमगा छिन गया है। फर्जी सर्टिफिकेट मामले में जांच के बाद UPSC ने पूजा खेडकर का यूपीएससी सेलेक्शन रद्द कर दिया है।
पूजा खेडकर पर जीवन भर के लिए प्रवेश परीक्षा देने से रोक भी लगा दिया गया है। यूपीएससी ने खेडकर को सिविल सेवा परीक्षा के नियमों के उल्लंघन का दोषी पाने के बाद यह फैसला लिया है।
पूजा खेडकर ने UPSC परीक्षा 2022 में 821वीं रैंक हासिल की थी। उनका यूपीएससी सेलेक्शन ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर कैटेगरी और दिव्यांगता कोटे के तहत हुआ था।
पूजा खेडकर ट्रेनी रहते हुए वीआईपी मागों के कारण सुर्खियों में आई जब उसने अपने लिए एक अलग ऑफिस, सरकारी गाड़ी और स्टाफ की मांग की। पर्सनल गाड़ी में लाल-नीली बत्ती, सरकारी लोगो लगाया।
इतना ही नहीं पुणे के एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे के ऑफिस पर बिना अनुमति के कब्जा तक कर लिया। इन मामलों के बाद लिखित शिकायत हुई और पूजा खेडकर का ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया।
फिर पूजा खेडकर के यूपीएससी सेलेक्शन पर भी सवाल उठे और जांच में यूपीएससी को फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट देने और नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी कोटे में चयन मामले में उनकी धोखाधड़ी सामने आई।
फर्जी सर्टिफिकेट का सच सामने आने के बाद यूपीएससी ने पूजा खेडकर को शो कॉज नोटिस जारी कियाा, जवाब देने के लिए पहले 25 और फिर 30 जुलाई तक समय दिया, लेकिन खेडकर जवाब देने में असफल रही।
यूपीएससी ने बताया कि पूजा खेडकर ने न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल लिया था। जिसके कारण उसके अटेम्प्ट का पता नहीं चला और उसने 6 बार परीक्षा दी।
पूजा खेडकर मामले के बाद यूपीएससी ने 2009 और 2023 के बीच 15,000 कैंडिडेट के डेटा की जांच की लेकिन खेडकर के अलावा नियमों का कोई अन्य उल्लंघन सामने नहीं आया।