भारतीय नौसेना का स्थान दुनिया की 10 सबसे ताकतवर नौसेनाओं में सातवां है। इसकी स्थापना 1612 में हुई थी, तब इसे 'रॉयल इंडियन नेवी' कहा जाता था।
भारतीय नौसेना के सुप्रीम कमांडर भारत के राष्ट्रपति होते हैं।
1612 में भारतीय नौसेना का गठन हुआ, जो अब एक आधुनिक और शक्तिशाली सेना बन चुकी है।
इसका मुख्य कार्य परमाणु युद्ध को रोकना, समुद्री बचाव और युद्ध के दौरान समुद्री मोर्चे को संभालना है।
भारतीय नौसेना के पास दो शक्तिशाली एयरक्राफ्ट करियर हैं: INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत
भारतीय नौसेना के बेस भारत के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद हैं: अंडमान और निकोबार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और गुजरात।
भारतीय नौसेना के ये बेस एम्यूनिशन सपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और एयर ऑपरेशन जैसे कई कार्यों में सहायक हैं।
नौसेना के पास हैं-
2 न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन के साथ, भारतीय नौसेना समुद्री सुरक्षा में अग्रणी है। मिसाइल बोट बेस और सबमरीन यूनिट्स इसकी ताकत को बढ़ाते हैं।
नौसेना के पास 5 फ्लीट टैंकर, छोटी पेट्रोलिंग बोट्स और सहायक जहाज मौजूद हैं। समुद्र में हर तरह की चुनौती का सामना करने की क्षमता।
भारतीय नौसेना न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं में भी सहायता पहुंचाती है। यह भारत की सामरिक और रणनीतिक शक्ति का अहम हिस्सा है।