यूपीएससी परीक्षा पास करना कोई आसान काम नहीं, वह भी बिना कोचिंग। लेकिन एक बिहारी लड़के ने यह कर दिखाया। शुरुआती पढ़ाई हिंदी मीडियम से की। एक बार प्री बोर्ड फिर कॉलेज में भी फेल हुआ।
हम बात कर रहे हैं IAS अनुराग कुमार की। जिनकी UPSC सफलता एक मिसाल है। उनकी कहानी बताती है कि फेल होना बड़ी बात नहीं। फेल होने के बाद फिर से कोशिश करना और सफलता हासिल करना अहम है।
IAS अनुराग कुमार का नाता बिहार के कटिहार जिले से। उनकी शुरुआती पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से हुई। जब वे 8वीं क्लास में थे, तब उनका एडमिशन एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुआ।
हिंदी मीडियम स्कूल से इंग्लिश मीडियम स्कूल में नई भाषा, नया माहौल, सब कुछ चुनौतीपूर्ण था। शुरुआत में वे पढ़ाई में औसत छात्र ही थे।
अनुराग एवरेज स्टूडेंट थे, लेकिन उन्होंने 10वीं की परीक्षा की तैयारी पूरी लगन से की और 90% से ज्यादा मार्क्स हासिल किए। लेकिन 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा में वे मैथ्स में फेल हो गए।
12वीं प्री बोर्ड मैथ्स में फेल होना उनके लिए बड़ा झटका था। बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। खूब मेहनत की और बोर्ड परीक्षा में फिर से शानदार अंक लाकर खुद को साबित किया।
अनुराग ने DU के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एडमिशन लिया। लेकिन ग्रेजुएशन के दौरान दोस्तों के साथ मौज-मस्ती से उनका ध्यान भटक गया और वे फिर से कई विषयों में फेल हो गए।
ग्रेजुएशन के दौरान यह फेलियर उनके जीवन की सबसे बड़ी सीख साबित हुई। उन्होंने खुद को संभाला और ग्रेजुएशन पूरा किया की। इस एक्सपीरिएंस ने उन्हें अंदर से बदल दिया।
अनुराग कुमार ने ग्रेजुएशन के बाद पोस्टग्रेजुएशन में एडमिशन लिया। इसी दौरान उनके मन में IAS बनने की इच्छा जागी। उन्होंने खुद को पूरी तरह UPSC की तैयारी में झोंक दिया।
अनुराग कुमार ने पहली बार 2017 में UPSC CSE दिया और AIR 677 हासिल की। लेकिन उनका सपना IAS बनना था, इसलिए उन्होंने दूसरी बार परीक्षा दी। 2018 में 48 रैंक हासिल कर IAS बने।
2019 बैच के IAS ऑफिसर अनुराग कुमार की पहली पोस्टिंग भागलपुर में जिला विकास परिषद अधिकारी के रूप में हुई थी। वर्तमान में वे गया के म्युनिसिपल कमिश्नर पद पर हैं।
हाल ही में IAS अनुराग कुमार ने IAS अनन्या सिंह से शादी की। अनन्या सिंह ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर 51वीं रैंक हासिल की थी। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 22 साल थी।