ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर फर्जी सर्टिफिकेट मामले में फंसती जा रही हैं। आरोप है कि यूपीएससी में आरक्षण कोटे का लाभ उठाने के लिए उन्होंने जाली मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किये।
पूजा खेडकर ने यूपीएससी सेलेक्शन में दिव्यांगता कैटेगरी के रिजर्वेशन का फायदा उठाने के लिए खुद को दिव्यांग बताया और इसके पक्ष में मेडिकल सर्टिफिकेट जमा किये।
उन्होंने यूपीएससी सेलेक्शन में पीडब्ल्यूबीडी कैटेगरी के आरक्षण का लाभ उठाने के लिए दो सर्टिफिकेट जमा किये थे जिसमें से एक दृष्टिबाधित और दूसरा मानसिक बीमारी के थे।
पूजा की दिव्यांगता के दोनों सर्टिफिकेट अहमदनगर जिला सिविल हॉस्पिटल से जारी किये गये थे। एक 2018 और दूसरा 2021 में। दोनों सर्टिफिकेट को जारी करने वाली समिति अलग- अलग थी।
अब नये खुलासे में यह बात सामने आई है कि महाराष्ट्र कैडर की 2023 बैच की आईएएस पूजा खेडकर ने मेडिकल कॉलेज से अपना तीसरा सर्टिफिकेट बनवाने की कोशिश की।
पूजा खेडकर अपना दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने पुणे के एक हॉस्पिटल में आवेदन भी किया था लेकिन कई टेस्ट के बाद 2022 में हॉस्पिटल ने आवेदन अस्वीकार कर दिया।
ट्रेनी आईएएस पूजा ने फर्जी ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट बननवा कर भी यूपीएससी में आरक्षण का लाभ उठाया। जबकि उनकी खुद की संपत्ति 17 करोड़ रुपये और पिता की संपत्ति 40 करोड़ है।