आईएएस रुक्मणी रियार जो स्कूल में कभी फेल तक हो गई थी अपनी कठिन मेहनत से यूपीएससी परीक्षा में पहले प्रयास में दूसरा स्थान हासिल किया।
रुक्मणी ने स्कूली शिक्षा गुरदासपुर में पूरी की।अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से स्नातक की। मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट से उन्होंने सामाजिक विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की।
TISS मुंबई से ग्रेजुएट होने के बाद रुक्मणी ने मैसूर में अशोदा और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ इंटर्नशिप पूरी की।
एनजीओ के लिए काम करने के दौरान रुक्मणि की सिविल सेवा में रुचि जगी, जिसके कारण उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का विकल्प चुना।
रुक्मणि ने 2011 में अपने पहले प्रयास में सफलतापूर्वक यूपीएससी पास कर ली और एआईआर 2 प्राप्त की।
उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग में दाखिला नहीं लेने का फैसला किया और सेल्फ स्टडी का ऑप्शन चुना।
यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने छठी से बारहवीं कक्षा तक की एनसीईआरटी की किताबें पढ़ीं और नियमित रूप से पत्रिकाएं और न्यूज पेपर पढ़ी।
रुक्मणी की कक्षा 6 में फेल होने से लेकर यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 2 हासिल करने तक की उनकी कहानी बाधाओं का सामना करने वाले कई लोगों को प्रेरित करती है।