जानिए एक ऐसे आईआईटी बॉम्बे ग्रेजुएट मधु पंडित दास के बारे में जिसने आईआईटी से ग्रेजुएशन करने के बाद हाई सैलरी जॉब करने, लग्जरियस लाइफ जीने के बजाय अलग रास्ता चुना और संत बन गये।
मधु पंडित दास का जन्म भारत के त्रिवेन्द्रम में मधुसूदन एस के रूप में हुआ था।
मधु पंडित दास ने आईआईटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग में एम.टेक पूरा किया। इस डिग्री के बाद वह देश-विदेश कहीं भी हाई प्रोफाइल जॉब कर, ऐश की जिंदगी जी सकते थे। लेकिन ऐसा नहीं किया।
मधु पंडित दास ने पूर्ण सत्य के अंतिम मार्ग की खोज में, आईआईटी बॉम्बे में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद संत बन गये।
मधु पंडित दास ने अपने दिव्य अनुग्रह ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के मिशन की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने का फैसला किया।
फिलहाल मधु पंडित दास न केवल एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता हैं बल्कि इस्कॉन बैंगलोर के अध्यक्ष भी हैं।
वह अक्षय पात्र फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं, जिसका एक दृष्टिकोण है - 'भारत में कोई भी बच्चा भूख के कारण शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा।'
भारत सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है। वह वृन्दावन में आगामी प्रतिष्ठित सांस्कृतिक और विरासत परिसर, वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर के अध्यक्ष भी हैं।