MBBS डॉक्टर्स को उनके वर्क नेचर की वजह से समाज में बेहद सम्मान मिलता है। NEET UG के बाद कैंडिडेट एमबीबीएस पूरा कर डॉक्टर बनते हैं। आगे की डिग्री के साथ उनका पद बढ़ता जाता है।
डॉक्टर्स की सैलरी, कमाई के बारे में लोग जानना चाहते हैं। एक सवाल यह भी रहता है कि सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल कहां डॉक्टर्स को ज्यादा सैलरी मिलती है।
एंट्री लेवल पर सरकारी अस्पताल में एमबीबीएस डॉक्टर की सैलरी ₹50,000 से ₹80,000 के बीच मंथली होती है, जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल में यह ₹40,000 से ₹70,000 महीने हो सकती है।
5 से 10 साल एक्सपीरिएंस वाले मीड लेवल डॉक्टर कहलाते हैं। इन्हें सरकारी हॉस्पिटल में ₹80,000 से ₹1,50,000 और प्राइवेट हॉस्पिटल में मंथली ₹1,00,000 से ₹2,00,000 तक सैलरी मिलती है।
10 साल से अधिक एक्सपीरिएंस वाले एक सीनियर एमबीबीएस डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में मंथली ₹1,50,000 से ₹2,50,000 और प्राइवेट में मंथली ₹2,00,000 से ₹4,00,000 तक कमाते हैं।
विशिष्ट क्षेत्रों में एक्सपर्टीज रखने वाले एक्सपीरिएंस्ड डॉक्टर को प्राइवेट हॉस्पिटल में मंथली सैलरी ₹5,00,000 से ₹10,00,000 तक मिलती है।
हॉस्पिटल या मेडिकल इंस्टीट्यूट में टॉप मैनेजमेंट पोस्ट पर डॉक्टर को उनके रोल और एक्सपीरिएंस के आधार पर मंथली सैलरी ₹10,00,000 तक मिलती है।
एमबीबीएस डॉक्टर्स को सैलरी उनके एक्सपीरिंएस और वर्कप्लेस के अनुसार अलग-अलग मिलती है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के आधार पर भी सैलरी और कमाई अलग-अलग होती है।