इंफोसिस को फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति ने कंपनी की शुरुआत के लिए 10 हजार रुपये उधार लिये थे। उधार के पैसे से शुरू इंफोसिस आज देश की दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी है।
इंफोसिस शुरू करने के लिए नारायण मूर्ति को उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने अपनी बचत के 10 हजार रुपये उधार दिये थे। तब उन्होंने यह पैसे देकर बड़ा रिस्क लिया था।
कर्ज देना सुधा मूर्ति के लिए बड़ा रिस्क इसलिए था क्योंकि इंफोसिस से पहले भी नारायण मूर्ति ने एक कंपनी सॉफ्ट्रॉनिक्स की शुरुआत की थी लेकिन उसमें उन्हें असफलता मिली थी।
सुधा मूर्ति का मानना था कि जब दोनों अच्छी सैलरी वाली नौकरी कर रहे हैं तो कंपनी शुरू करने की क्या जरूरत, तब नारायण मूर्ति ने आश्वासन दिया कि वे उनकी मंजूरी के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे।
आज सुधा मूर्ति से उधार लिये 10 हजार रुपये से नारायण मूर्ति 37000 करोड़ की संपत्ति बना चुके हैं। 7 को-फाउंडर के साथ शुरू इंफोसिस आज भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी है।
नारायण मूर्ति का जन्म 20 अगस्त 1946 को मैसूर के मध्यवर्गीय परिवार हुआ था। मैसूर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया। फिर IIT कानपुर से मास्टर डिग्री ली।
पढ़ाई पूरी करने के बाद आईआईएम अहमदाबाद में रिसर्च एसोसिएट के रूप में करियर की शुरुआत की। सुधा मूर्ति के पिता ने पहले कम सैलरी के कारण बेटी की शादी उनसे करने से मना कर दिया था।
फिर जब नारायण मूर्ति पाटनी कंप्यूटर्स में मैनेजर बने तब सुधा मूर्ति के पिता ने उनसे बेटी की शादी के लिए हामी भरी। 10 फरवरी 1978 को दोनों विवाह के बंधन में बंधे।
नारायण मूर्ति आज देश ही नहीं दुनिया के बड़े बिजनेसमैन में शामिल हैं। सुधा और नारयण मूर्ति के दो बच्चे हैं। बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति।