नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा एक उपदेशक है जिनके सत्संग में हाथरस जिले में भगदड़ के दौरान 116 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। यह बाबा अभी फरार हैं जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा पहले एक सरकारी कर्मचारी थे जो बाद में एक आध्यात्मिक नेता बन गए। वह एटा की पटियाली तहसील के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं।
कथित तौर पर भोले बाबा ने धार्मिक उपदेश देने के लिए 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली सहित पूरे भारत में उनके लाखो अनुयायी हैं।
भाले बाबा ने अपने उपदेशों के दौरान दावा किया है कि उन्होंने पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में काम किया था और उत्तर प्रदेश पुलिस में भी काम किया था।
आधुनिक धार्मिक हस्तियों के विपरीत भोले बाबा सोशल मीडिया से दूर रहते हैं और किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनका कोई ऑफिशियल अकाउंट नहीं है।
भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि का असली नाम सूरज पाल है। शुरुआत में ये अपने पिता की खेती में मदद करते थे। बाद में वह पुलिस में शामिल हो गए। फिर धर्मगुरु बने।
नारायण साकार हरि सफेद पोशाक में सजे हुए दिखाई देते हैं। उनके कार्यक्रम आमतौर पर सैकड़ों अनुयायियों को आकर्षित करते हैं। वह अपनी पत्नी के साथ उपदेश देते भी नजर आते हैं।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि पर यौन शोषण समेत पांच अन्य गंभीर मुकदमे थे जिसके बाद उसे नौकरी से बर्खास्त किया गया था। पुराना सियासी कनेक्शन भी रहा है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बाबा के सत्संग में शामिल होते रहे हैं। पिछले वर्ष जनवरी में भी अखिलेश सत्संग में शामिल हुए थे और बाबा की गुणगान में एक पोस्ट शेयर किया था।