Hindi

National Science Day 2024: क्या है रमन इफेक्ट, कौन थे सीवी रमन?

Hindi

नेशनल साइंस डे क्यों मनाया जाता है?

हर साल 28 फरवरी को भारत के प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन, जिन्हें सीवी रमन के नाम से जाना जाता है,द्वारा रमन प्रभाव की खोज की याद में नेशनल साइंस डे मनाया जाता है।

Image credits: social media
Hindi

साइंस और टेक्नोलॉजी में सीवी रमन के योगदान

यह दिन साइंस और टेक्नोलॉजी में उनके अभूतपूर्व योगदान की याद दिलाता है, जो अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गये हैं जो दुनिया भर में पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है।

Image credits: social media
Hindi

कौन थे सीवी रमन

सीवी रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में हुआ था। शुरू से ही उन्हें साइंस में विशेष रुचि थी। 

Image credits: social media
Hindi

फिजिक्स में ग्रेजुएशन

प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई से उन्होंने फिजिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की उसके बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की।

Image credits: social media
Hindi

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट रिसर्च

इसके बाद सीवी रमन ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट रिसर्च किया, जहां उनकी एक्स्ट्राऑर्डिनरी इंटेलिजेंस और क्यूरोसिटी ने उन्हें नई खोजों की ओर प्रेरित किया।

Image credits: social media
Hindi

आईएसीएस में प्रोफेसर

कोलकाता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस (आईएसीएस) में प्रोफेसर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान रमन ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण सफलता हासिल की।

Image credits: social media
Hindi

रमन प्रभाव की खोज

1928 में प्रकाश के प्रकीर्णन पर प्रयोग करते समय उन्होंने एक अप्रत्याशित घटना देखी जिसने भौतिकी के क्षेत्र में क्रांति ला दी। इसे ही रमन इफेक्ट कहा गया।

Image credits: social media
Hindi

फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार

रमन प्रभाव ने साइंस के क्षेत्र में क्रांति ला दी। सीवी रमन को 1930 में फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार मिला, जिससे वह यह प्रतिष्ठित सम्मान पाने वाले पहले भारतीय बन गये।

Image credits: social media
Hindi

तकनीकी प्रगति की नींव

उनके शोध ने लाइट सब्सटेंस की परस्पर क्रिया के बारे में समझाया। स्पेक्ट्रोस्कोपी, मटेरिअल साइंस और टेलीकम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में विभिन्न वैज्ञानिक, तकनीकी प्रगति की नींव रखी।

Image credits: social media
Hindi

ध्वनियों के पीछे का विज्ञान

उन्होंने संगीत वाद्ययंत्रों की ध्वनि पर भी काम किया, जहां उन्होंने विभिन्न वाद्ययंत्रों द्वारा उत्पन्न ध्वनियों के पीछे की फिजिक्स के बारे में बताया।

Image credits: social media
Hindi

क्रिस्टल फिजिक्स

रमन ने क्रिस्टल फिजिक्स के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और क्रिस्टल और रत्न जैसी पारदर्शी चीजों से गुजरते समय प्रकाश के बिहेवियर को स्पष्ट किया।

Image credits: social media
Hindi

इंडियन एकेडमी ऑफ साइंस और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना

उनके प्रयासों से इंडियन एकेडमी ऑफ साइंस और रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना हुई, ये संस्थान वैज्ञानिक अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देकर उनकी विरासत को कायम रखे हुए हैं।

Image credits: social media

लेन देन को चुटिकयों का काम बनाने वाले विजय शेखर शर्मा को जानिए

प्रशांत बी नायर कौन हैं? जानिए गगनयान मिशन के लिए चुने 4 एस्ट्रोनॉट को

एक तरफ 4 मिलियन डॉलर, एक तरफ बाल्टी, ऐसी है रितेश अग्रवाल OYO की कहानी

पंकज उधास को मिला था पद्मश्री अवार्ड,जानिए क्या करती हैं दोनों बेटियां