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कोटा जेल में रहकर 2 साल की तैयारी,पास की IIT-JEE, पीयूष गोयल की स्टोरी

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कठिनाईयों को पार कर आईआईटी के सपने को साकार किया

पीयूष गोयल ने कठिनाइयों को पार करते हुए आईआईटी जेईई परीक्षा पास की शानदार रैंक हासिल करके आईआईटी में पढ़ाई करने के अपने सपने को हकीकत में बदल दिया।

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आईआईटी जेईई परीक्षा में 453 अंक हासिल किए

इंजीनियर बनने के सपने को पूरा करने के लिए पीयूष गोयल ने 2016 में आईआईटी जेईई परीक्षा दी और 453 अंक हासिल किए, जो उन्हें देश के टॉप आईआईटी कॉलेजों एडमिशन दिलाने के लिए काफी था।

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कोटा के ओपन जेल में बंद थे पिता

लेकिन पीयूष को आईआईटी जेईई परीक्षा की तैयारी में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पीयूष गोयल ऐसे परिवार से हैं जो अमीर नहीं है। पिता हत्या के दोषी होने कारण कोटा के ओपन जेल में थे।

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जेल की कोठरी में पढ़ाई की

पीयूष को परीक्षा के लिए जेल की कोठरी में पढ़ाई करना पड़ा क्योंकि वह और उसका परिवार कोटा में एक अच्छी कोचिंग या छात्रावास का खर्च वहन नहीं कर सकते थे।

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जेल में रहकर पढ़ाई करना ही था एकमात्र विकल्प

पीयूष के पिता फूल चंद गोयल बेहद गरीब थे, एक किशोर बच्चे के रूप में उनके पास अपने पिता के साथ जेल में रहकर परीक्षा की पढ़ाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

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खुले कैदी थे पीयूष के पिता

उस समय पीयूष के पिता एक खुले कैदी थे, जिसका मतलब था कि वह दिन के दौरान काम पर जाने के लिए अपनी कोठरी छोड़ सकते थे लेकिन रात में उन्हें वहीं लौटना पड़ता था।

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जेल की कोठरी में रहकर 2 साल की पढ़ृाई

दो साल तक पीयूष ने जेल की कोठरी में पढ़ाई की और कोटा की एक छोटी सी दुकान में अपनी नौकरी से कमाए गए 12,000 रुपये से अपनी शिक्षा का खर्च उठाया।

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आईआईटी के सपने को साकार किया

जेल प्रहरियों ने भी उसे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। 2 साल की तैयारी के बाद पीयूष ने आईआईटी जेईई 2016 प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की और आईआईटी के सपने को साकार किया।

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