14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था।आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी कार एक बस से टकरा दी।
पुलवामा हाईवे धमाके में 40 जवान शहीद हो गए, यह भारतीय सुरक्षा बलों पर हुआ सबसे घातक हमला था।
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक ने अफगानिस्तान में विस्फोटकों की ट्रेनिंग ली थी।
पुलवामा धमाके के लिए 200 किलो आरडीएक्स, जिलेटिन स्टिक और अन्य विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया।
आतंकियों ने 2 साल पहले हमले की योजना बनाई थी। जनवरी 2019 में मारुति ईको कार खरीदी गई और फरवरी में उसमें विस्फोटक भरा। हमले के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के खुलने का इंतजार किया गया।
पुलवामा हमले के बाद भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई करते हुए 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के सबसे बड़े आतंकी ठिकाने पर एयरस्ट्राइक की।
ऑपरेशन "बंदर" में मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने हमला कर सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया। इस हमले में जैश सरगना मसूद अजहर के साले मौलाना यूसुफ अजहर का ट्रेनिंग कैंप ध्वस्त हुआ।
27 फरवरी 2019 को भारत और पाकिस्तान की वायु सेनाओं के बीच डॉगफाइट हुई। भारतीय पायलट अभिनंदन वर्धमान ने पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया लेकिन खुद भी पाकिस्तानी सीमा में जा पहुंचे।
पाकिस्तान ने अभिनंदन वर्धमान को बंदी बना लिया लेकिन भारत के कड़े दबाव के बाद उन्हें 1 मार्च 2019 को रिहा कर दिया गया।
एनआईए (NIA) ने 19 आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें मसूद अजहर का नाम भी शामिल था। जांच में खुलासा हुआ कि जैश-ए-मोहम्मद और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इसमें शामिल थी।
भारत हर साल 14 फरवरी को पुलवामा हमले के शहीदों को याद करता है। इस हमले ने भारत की सुरक्षा नीति को और सख्त कर दिया, आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई।
पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब किया। अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया।