जवाब: जब चांद, पृथ्वी और सूरज के बीच आ जाता है और सूरज की रोशनी को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक देता है, तब सूर्य ग्रहण होता है।
जवाब: सूर्य ग्रहण में तीन पिंड शामिल होते हैं, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी।
जवाब: सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या के दिन ही हो सकता है, जब चांद पूरी तरह अंधेरे में होता है और सूरज के ठीक सामने आ जाता है।
जवाब: ऐसा इसलिए क्योंकि चांद की कक्षा थोड़ी सी झुकी हुई होती है और वह हमेशा पृथ्वी और सूर्य के बिल्कुल बीच में नहीं आता।
जवाब: सूर्य ग्रहण के तीन प्रकार होते हैं, टोटल (पूर्ण), पार्शियल (आंशिक) और एन्युलर (वृत्ताकार या रिंग वाला ग्रहण)।
जवाब: जब चांद सूरज की रोशनी को पूरी तरह से ढक लेता है, तो उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) कहा जाता है।
जवाब: इसे "रिंग ऑफ फायर" कहा जाता है और यह एन्युलर सूर्य ग्रहण के दौरान दिखाई देती है। जब चंद्रमा सूरज को पूरी तरह ढक नहीं पता और सूरज के चारों ओर से रोशनी निकलती रहती है।
जवाब: उसे "अम्ब्रा" (Umbra) कहते हैं, जो चंद्रमा की सबसे गहरी छाया होती है और जहां से देखने पर सूर्य पूरी तरह ढका हुआ दिखाई देता है।
जवाब: उस समय सूरज का बाहरी चमकीला हिस्सा दिखाई देता है, जिसे "कोरोना" कहते हैं।
जवाब: आमतौर पर यह केवल कुछ ही मिनटों तक दिखाई देता है, ज्यादा से ज्यादा 7 मिनट तक।