बिहार चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है। इस बीच एक नाम चर्चा में है, तेजस्वी यादव। लालू प्रसाद यादव के बेटे और RJD के मुखिया तेजस्वी को आज बिहार की युवा राजनीति का चेहरा माना जाता है।
क्या आप जानते हैं कि तेजस्वी यादव कभी नेता नहीं, बल्कि क्रिकेटर बनना चाहते थे? जानिए उनके दिलचस्प सफर के बारे में।
बिहार चुनाव में इस बार तेजस्वी यादव एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। विपक्ष के नेता के तौर पर वे लगातार नीतीश सरकार को घेर रहे हैं और युवाओं की उम्मीदों का चेहरा बन चुके हैं।
तेजस्वी यादव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बेटे हैं। राजनीतिक माहौल उनके घर में शुरू से ही था, इसलिए उन्हें राजनीति की समझ विरासत में मिली।
शिक्षा की बात करें तो तेजस्वी ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरकेपुरम से पढ़ाई की, लेकिन उन्होंने 9वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। वे पढ़ाई से ज्यादा खेल की ओर झुकाव रखते थे।
तेजस्वी को बचपन से क्रिकेट का शौक था। उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) की IPL टीम में भी जगह बनाई थी। हालांकि, मैदान पर उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई।
क्रिकेट में मनचाहा मुकाम न पाने के बाद तेजस्वी ने पिता लालू यादव के नक्शे-कदम पर चलते हुए राजनीति की राह चुनी। देखते ही देखते वे बिहार के उपमुख्यमंत्री बन गए।
तेजस्वी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह है उनकी सादगी और जनता से जुड़ाव। वे अपने भाषणों में युवाओं, किसानों और रोजगार जैसे मुद्दों को खुलकर उठाते हैं।
महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को सीएम उम्मीदवार घोषित किया है। देखना यह होगा कि क्रिकेट का मैदान छोड़ राजनीति में उतरे तेजस्वी, इस बार बिहार की जनता का भरोसा जीत पाते हैं या नहीं।