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कौन हैं मुंबई के डब्बावाले, जिनकी कहानी पढ़ेंगे छात्र

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मुंबई के प्रसिद्ध डब्बावालों की कहानी पढ़ेंगे कक्षा 9 के छात्र

मुंबई के प्रसिद्ध डब्बावालों की कहानी अब केरल के कक्षा 9 के इंग्लिश सिलेबस में शामिल कर ली गई है। यह एक पांच-पेज का चैप्टर है जो ह्यूग और कोलिन गैंटजर द्वारा लिखा गया है।

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चैप्टर का नाम

द सागा ऑफ द टिफिन कैरियर्स' नामक यह चैप्टर डब्बावालों की अद्भुत सेवा और उनकी उत्पत्ति की कहानी के बारे में बताता है।

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मुंबई के डब्बावाले का इतिहास

यह चेप्टर मुंबई के डब्बावाले सर्विस की शुरुआत की कहानी बताता है, जो 1890 में महादेव हावजी बच्चे के द्वारा शुरू की गई थी। 

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मुंबई में कब शुरू हुआ था डब्बावाला टिफिन सर्विस

मुंबई में डब्बावाला टिफिन सर्विस पहली बार तब हुआ जब एक पारसी महिला ने अपने पति के लिए भोजन भेजने की व्यवस्था की थी। जो बाद में बड़े बिजनेस आइडिया के रूप में बदल गया।

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मुंबई के डब्बावाला दुनिया भर में फेमस

मुंबई के डब्बावाले अपनी यूनिक स्किल के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं और कई इंटरनेशनल बिजनेस स्कूलों और रिसर्चर्स ने उनकी सराहना की है।

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मुंबई के डब्बावाला पर बन चुकी है फिल्में, डॉक्यूमेंट्री

मुंबई के डब्बावाला के काम पर फिल्में, डॉक्यूमेंट्री, किताबें और डॉक्टरेट की थीसिसें लिखी जा चुकी हैं। मुंबई के कलाकार अभिजीत किनि ने उनके डेली लाइफ पर एक कॉमिक बुक भी बनाई है।

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डब्बावाला सर्विस का सम्मान

केरल के शिक्षा विभाग द्वारा उनके डब्बावाला नाम को कोर्स में शामिल करने पर, डब्बा वालों ने आभार प्रकट किया है और इस मान्यता देने के लिए धन्यवाद दिया है।

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