NEET UG में गड़बड़ी किए जाने का संदेह पैदा करने वाला काम एनटीए का टाइम लॉस के बदले ग्रेस मार्क्स देना था। जबकि नियम में टाइम लॉस के बदले ग्रेस मार्क्स देने का प्रावधान ही नहीं है।
NEET UG रिजल्ट जारी होने के बाद यह बात सामने आई कि 1,500 से अधिक छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिये गए थे। जबकि एग्जाम में टाइम लॉस के बदले ग्रेस मार्क्स देने के कोई नियम ही नहीं।
एक्सपर्ट के अनुसार ग्रेस मार्क्स कभी भी परीक्षा के समय की हानि का ऑप्शन नहीं रहा है। समय की कमी की भरपाई के लिए, फॉर्मेट में समय बढ़ाने की सिफारिश की गई।
ग्रेस मार्क्स मामले के बाद, यूजीसी-नेट को रद्द करना और एनईईटी-पीजी को आयोजित होने से ठीक एक दिन पहले स्थगित करना। ये सभी एनटीए के काम करने के तरीके पर सवाल खड़ें करते हैं।
अब शिक्षा मंत्रालय परीक्षा का अगला चक्र शुरू होने से पहले एनटीए में हर महत्वपूर्ण सुधार को लागू करना चाह रही है यही वजह है कि कई कठोर कदम उठाये गये हैं।
केंद्र ने एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह के स्थान पर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला को नियुक्त किया, यह कदम एनटीए की विश्वसनीयता को बचाने के लिए उठाया गया है।
विवादों के बाद एनटीए उम्मीदवारों को आश्वस्त करने में विफल रहा। ग्रेस मार्क्स का कोई प्रावधान नहीं है। पहली बार है कि टाइम लॉस के बदले उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए।
नियमों के अनुसार यदि कुछ समय की हानि हुई तो उम्मीदवारों को अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए था। ग्रेस मार्क्स भी अजीब तरीके से दिये गये जो संदेह पैदा करने वाले थे।
बाद में एनटीए ने ये ग्रेस मार्क्स वापस ले लिए। 23 जून को 1,563 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा हुई, जिनमें से 813 यानी 52 प्रतिशत छात्र उपस्थित हुए। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।