महिला दिवस महिलाओं की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने का दिन है। इसी मौके पर भारत की फाइनेंस इंडस्ट्री की सबसे ताकतवर महिलाओं की बात करें, तो माधबी पुरी बुच का नाम सबसे पहले आता है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जानिए माधबी पुरी बुच की कहानी। जिन्होंने एक साथ 3 रिकॉर्ड बनाए। SEBI की पहली महिला अध्यक्ष, सबसे युवा, कॉरपोरेट बैकग्राउंड से आने वाली पहली प्रमुख बनीं।
माधबी पुरी बुच ने 1 मार्च 2022 को इतिहास रचते हुए SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल किया।
SEBI प्रमुख का पद ज्यादातर IAS अफसर को ही मिलता था। लेकिन माधबी पुरी बुच पहली ऐसी चेयरपर्सन बनीं, जो कॉरपोरेट बैकग्राउंड से थीं। वे इस पद पर पहुंचने वाली सबसे युवा अधिकारी भी रहीं।
1966 में मुंबई में जन्मी माधबी पुरी बुच के पिता कॉरपोरेट सेक्टर में थे, मां राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर थी।पढ़ाई का माहौल घर से ही मिला और मैथ्स व फाइनेंस में उनकी रुचि बचपन से थी।
माधबी पुरी बुच ने मुंबई के फोर्ट कॉन्वेंट स्कूल और दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी से पढ़ाई की। सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से मैथ्स में ग्रेजुएशन और IIM अहमदाबाद से MBA किया।
18 की उम्र में माधबी की सगाई धवल बुच से हो गई, जो बाद में हिंदुस्तान यूनिलीवर में डायरेक्टर बने। 21 की उम्र में शादी के बाद भी माधबी ने करियर की गति बनाए रखी और ऊंचाइयों तक पहुंची।
2008 मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान माधबी पुरी बुच और उनके पति ताज होटल में मौजूद थे। उस भयानक हमले के दौरान उन्होंने हिम्मत और सूझबूझ दिखाई और सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहीं।
1989 में ICICI बैंक जॉइन किया। यहां 12 साल में हेड ऑफ मार्केटिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, ऑपरेशंस हेड जैसे बड़े पदों तक पहुंचीं। 2006 में ICICI बैंक की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनीं।
SEBI प्रमुख के तौर पर FPI के नियमों को सख्त करना, तेजी से इक्विटी सेटलमेंट प्रोसेस लाना और म्यूचुअल फंड्स को अधिक लोगों तक पहुंचाना माधबी पुरी बुच के बड़े फैसलों में शामिल रहा।
SEBI प्रमुख के तौर पर माधबी पर Conflict of Interest के आरोप भी लगे,हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया उनके पति धवल बुच की विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी थी। जिन्हें उन्होंने खारिज किया।
माधबी पुरी बुच की कहानी हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाकर आगे बढ़ना चाहती हैं।
माधबी पुरी बुच के नेतृत्व में SEBI ने कई बड़े सुधार देखे और वे भारतीय वित्तीय क्षेत्र में महिलाओं के लिए ‘शक्तिशाली बदलाव’ की प्रतीक बन गईं।