शायरी करते हुए मनोज को महसूस हुआ कि उनके नाम के साथ कोई तलफ्फुस नहीं है। इस वजह से उन्होंने एक यूनिक शब्द की तलाश की थी ।
गीतकार को अपने नाम में कवि के रूप में वज़न नज़र नहीं आ रहा था। यही वजह है कि उन्होंने इसमें मुंतसिर जोड़ने का तय किया ।
मनोज को अपने लिए सबसे मुफीद नाम "मुंतसिर" लगा था। इसका मीनिंग होता है बिखरा- बिखरा, उन्होंने इसे ही अपने लिए सबसे बेहतरीन ऑप्शन समझा था।
मनोज मुंतशिर ने यूपी की इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अपना ग्रेजुएशन कंपलीट किया था। साल 1999 में करियर बनाने के लिए उन्होंने मुंबई की तरफ रुख किया था ।
मनोज मुंतसिर ने बाहुबली-2 के लिए डायलॉग लिखे थे। उनकी लेखनी की धार को यहीं से पहचान मिलना शुरु हुई।