Hindi

देश की वो 7 फ़िल्में, जिन्हें बनाने में लगा जनता के चंदे का पैसा

Hindi

मंथन (1976)

श्याम बेनेगल की इस फिल्म के लिए 5 लाख किसानों ने 2-2 रुपए इकट्ठे किए थे। इस तरह 10 लाख रुपए जमा हुए, जिससे फिल्म का निर्माण हो सका था।

Image credits: Social Media
Hindi

I Am (2010)

तकरीबन 1.75 करोड़ रुपए में बनी इस फिल्म को बनाने के लिए दुनियाभर के 400 अलग-अलग लोगों ने फंड इकठ्ठा किया था। ओनिर निर्देशित यह फिल्म हिंदी समेत 6 भाषाओं में रिलीज हुई थी।

Image credits: Social Media
Hindi

Greater Elephant (2012)

इस हिंदी फिल्म के निर्देशक श्रीनिवास सुंदरराजन हैं। फिल्म के निर्माण के लिए पैसे कम पड़ रहे थे। तब आम लोगों ने फंड इकठ्ठा कर इसके निर्माण में सहयोग दिया था।

Image credits: Social Media
Hindi

Lucia (2013)

यह कन्नड़ भाषा की फिल्म है, जिसका निर्देशन पवन कुमार ने किया है। 50 लाख में बनी 'Lucia' कन्नड़ की पहली क्राउड फंडेड फिल्म है। इसे 2013 में भारत की ओर से ऑस्कर भी भेजा गया था।

Image credits: Social Media
Hindi

Kothanodi (2015)

इस असमी फिल्म के डायरेक्टर भास्कर हजारिका हैं। 2 शेड्यूल में बनी इस फिल्म के लिए क्राउड फंडिंग कैंपेन चलाया गया था। से 63वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में बेस्ट असमी फिल्म चुना गया था।

Image credits: Social Media
Hindi

Placebo (2016)

अंग्रेजी और हिंदी भाषा की इस फिल्म के डायरेक्टर अभय कुमार हैं और उन्होंने ही इसमें मुख्य भूमिका निभाई है। इस फिल्म के निर्माण के लिए क्राउड फंडिंग कैंपेन चलाया गया था।

Image credits: Social Media
Hindi

Nedunalvaadai (2019)

इस तमिल फिल्म के निर्देशक सेल्वाकन्नन है, जिसका बजट करीब 1 करोड़ रुपए था। सेल्वाकन्नन ने बताया था कि नेल्लाई के उनके 30 इंजीनीयर्स डिप्लोमा साथियों की फंडिंग से फिल्म बन पाई थी।

Image credits: Social Media

देश की 10 सबसे बड़ी ओपनर में पहुंचेगी Kalki, पहले दिन कमाएगी इतने CR

2-2 रुपए के चंदे से बनी थी देश की यह HIT फिल्म, जीते थे 2 नेशनल अवॉर्ड

वो लोकसभा चुनाव, जिसने 2 सुपरस्टार्स को बना दिया था उम्र भर का दुश्मन

सनी लियोनी के न्यूड पोस्टर बेचता था उनका भाई, ऐसे ढूंढता था ग्राहक