MGR तमिल फिल्मों के अभिनेता से राजनेता बने थे और तमिनाडु के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें 1988 में मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
'पाथेर पांचाली' और 'शतरंज के खिलाड़ी' जैसी कालजयी फ़िल्में बनाने वाले सत्यजीत रे को 1992 में भारत रत्न दिया गया था।
भारत के सबसे बड़े सम्मान से सम्मानित एम. एस सुब्बालक्ष्मी पहली संगीतकार थीं। उन्हें 1998 में यह सम्मान मिला था। उन्होंने तमिल फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस भी काम किया था।
सितार वादक और संगीतकार रवि शंकर को 1999 में भारत रत्न मिला। उन्होंने 'नीचा नगर', 'गोदान' और 'गांधी' जैसी फिल्मों में संगीत दिया था।
स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर 2001 में भारत रत्न से सम्मानित हुईं। उन्होंने हिंदी समेत 36 भाषाओं में गाने गाए थे। वे 9 दशक तक फिल्मों में सक्रिय रहीं।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान शहनाई वादक थे। 2001 में उन्हें भारत रत्न मिला। उन्होंने 'सनादी अपन्ना' और 'गूंज उठी शहनाई' जैसी फिल्मों में अपनी शहनाई की छाप छोड़ी।
2009 में भारत रत्न से नवाजे गए पं. भीमसेन जोशी शास्त्रीय गायक थे। वे ख्याल गाने के लिए फेमस थे। उन्होंने 'बसंत बहार' (हिंदी), 'संध्या राग' (कन्नड़) जैसी फिल्मों में गीत गाए थे।
2019 में हजारिका को मरणोपरांत भारत रत्न मिला। वे मूल रूप से असमी भाषा के गायक थे। लेकिन हिंदी में 'दिल हूम हूम करे' जैसे गानों से उन्हें श्रोताओं के दिलों पर छाप छोड़ी थी।