सत्तू को अजवाइन, नमक और बारिक कटा प्याज, हरी मिर्च और नींबू का रस मिलाकर मसाला तैयार किया जाता है। फिर इसे आटे में भरकर रोटी तैयार की जाती है। इसे दही और अचार के साथ खाया जाता है।
एक स्वादिष्ट और तीखा पेय बनाने के लिए सत्तू को पानी, काला नमक, भुना जीरा पाउडर और वैकल्पिक रूप से नींबू के रस के साथ मिलाया जाता है। इसका सेवन आमतौर पर क्वीक एनर्जी बूस्ट होती है।
सत्तू को पानी, कटे हुए प्याज, हरी मिर्च, हरा धनिया और मसालों के साथ मिलाकर घोल बनाया जाता है। फिर इस बैटर को पतले चीला बनाने के लिए गर्म तवे पर फैलाया जाता है।
सत्तू को पानी, चीनी या गुड़, नींबू के रस के साथ मिलाया जाता है और कभी-कभी भुना हुआ जीरा पाउडर या काला नमक डालकर स्वाद बढ़ाया जाता है। गर्मी में पीने से पेट ठंडा रहता है।
लिट्टी बिहार का एक लोकप्रिय व्यंजन है। सत्तू का मसाला तैयार करके आटे की लोई में भरा जाता है और इसे उपले पर पकाया जाता है। आप चाहे तो अवन में बेक कर सकते हैं।